Sadanand Jee 1

जिसमें भक्ति आती है वह, दो हाथों वाला ईश्वर बन जाता है : स्वामी सदानंद जी महाराज            

धर्म

रांची : श्रीमद् भागवत कथा के यजमान श्रीमती सुनीता राजू अग्रवाल एवं परिवार के सभी सदस्यों तथा संस्था के सदस्यों ने बड़े प्रेम से श्रीमद्भागवत का पूजन तथा स्वामी श्री सदानंद जी महाराज को माल्यार्पण चंदन वंदन कर उपस्थित सभी श्रद्धालु भक्तों के साथ श्रीमद् भागवत की आरती की कथा की अमृत वर्षा श्री सदानंद जी महाराज के मुखारविंद से भक्तों ने श्रवण किया.                                      

इंद्रियां शक्ति, मन, बुद्धि, विचार, शक्ति को हर लेती है

शिवगंज हरमू रोड स्थित सत्संग भवन में श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समिति द्वारा आयोजित चतुर्थ दिवस श्री कृष्ण कथा के व्यासपीठ पर विराजमान स्वामी श्री स्वामी महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग विषय चिंतन में लगे रहते हैं, उनकी इंद्रिय विषयों में फंस जाती है. उनको उन्हीं की ओर खींच लेती है, जैसे जलाशय के तीर पर उगे पेड़ आदि खेल खेलते हैं. उसी प्रकार इंद्रियां शक्ति, मन, बुद्धि, विचार शक्ति को हर लेती है, अतः सकारात्मक सोच के साथ चिंतन करें. महापुरुषों के संग प्राप्त ज्ञान रुप खड़क के द्वारा इस लोक में ही अपने मोह बंधन कार्ड डालना चाहिए. फिर भी श्री हरि की लीलाओं कथन और श्रवण से भगवती स्मृति बने रहने के कारण सुगमता से भगवत प्राप्ति कर सकते हैं.                  

भगवान श्री कृष्ण के प्रति गोपियों के प्रेम का वर्णन किया  

महाराज जी ने भगवान श्री कृष्ण के प्रति गोपियों के हृदय में प्रेम का वर्णन करते हुए कहा कि उधर जैसे ज्ञानी को भी कहना पड़ा है. गोपियों तो धन्य हो तुम्हारा जीवन सफल है. तुम सारे संसार के लिए पूजनीय हो, क्योंकि तुम लोगों के इस प्रकार भगवान श्री कृष्ण को अपना हृदय अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया है. नंद बाबा के ब्रज में रहनेवाले गोपाल मनाओ की चरण धूलि को मैं बार-बार प्रणाम करता हूं.                      

जिस भाव से याद किया, उसी भाव में आनंद प्रदान किया

भगवान श्री कृष्ण की बाल लीला सुनाते हुए कहा कि श्रीकृष्ण को जिस भाव से याद किया है वे उसी भाव में आकर गोप गोपियों को आनंद प्रदान किया भगवान तो अंतर्यामी हैं, वह भक्तवत्सल यहां भक्तों की भावना समझते हैं. वह भक्तों के बस में अनेक लीला करते हुए भक्तों का आनंदित किया. दोस्तों को संसार करके धन की स्थापना की. गिराज पर्वत उठाकर ब्रिज बुलाओ की इच्छा पूरी की. कंस का उद्धार करके मथुरा से द्वारका वास किया.    

रवि कांत जी शास्त्री जी ने गीता ज्ञान की चर्चा की

महाराज जी के साथ साथ चलने वाले श्री रवि कांत जी शास्त्री जी ने श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान की चर्चा की तथा भजन लेखक एवं गायक पवन जी तिवारी ने सुंदर भजन कराकर आनंद विभोर कर दिया और श्री दिनेश जी ने ढोलक ताल कर भक्तजन तेरा का नाचते हुए आनंद का अनुभव किए. पूरे कथा स्थल में भगवान राधा कृष्ण के चित्र सजाया गया था.

कृष्ण के जन्म के समय जयकारों से गूंज उठा सत्संग भवन

आज भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय सरस सत्संग भवन श्री कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा. सत्संग भवन को भगवान के जन्म के उपलक्ष में पहले सजाया गया था, जो बहुत ही सुंदर लग रहा था. संत श्री सदानंद जी महाराज ने प्रवचन में भजनों के माध्यम से श्रीमद् भागवत कथा की महिमा बताए भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बाद आज की कथा को विश्राम दिया गया.  

आयोजन को सफल बनाने में इनकी रही भूमिका

आयोजन को सफल बनाने में संरक्षण बसंत कुमार गौतम, डूंगरमल कुमार उपाध्याय, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, निर्मल चालान, सचिव मनोज चौधरी, शिवम अग्रवाल, प्रभात गोयल, पूरणमल, प्रमोद सारस्वत, सुरेश अग्रवाल, विष्णु सोनी, ओम प्रकाश राव, के चौधरी एवं महिला मंडल की श्रीमती विद्या देवी अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल सहित काफी संख्या में भाई- बहन सेवा कार्य में लगे हुए हैं. यह सभी जानकारी संस्था के राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल ने दी.

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