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फिर करवट लेगी बिहार की राजनीति! उपेंद्र कुशवाहा के बयान के क्या हैं मायने

बिहार

Bihar Politics : क्या बिहार की राजनीति फिर करवट लेने जा रही है ? दरअसल जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के रुख को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके गुरु और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘राजनीतिक रूप से कमजोर’ करने की ‘साजिश’ के तहत उनको पार्टी में कमजोर किया गया है. मीडिया से बात करते हुए कुशवाहा ने कहा कि यदि उन्हें एक मौका दिया जाये तो वह सभी गलतफहमियों को दूर करने के लिए तैयार हैं. इसके पहले दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं से कुशवाहा की मुलाकात को लेकर कई लोगों की भौहें तन गयी थी.

जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि एक स्पष्टीकरण के लिए नीतीश कुमार मुझे तलब कर सकते हैं. पार्टी की एक बैठक भी आयोजित की जा सकती है, लेकिन मुख्यमंत्री को कमजोर करने की किसी भी कोशिश के खिलाफ मैं अपनी आवाज बुलंद करना नहीं छोड़ने वाला हूं. मेरी आवाज आगे भी जारी रहे वाली है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर आयोजित पार्टी के समारोहों से खुद को बाहर रखे जाने पर नाराजगी भी जतायी.

उपेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) आधिकारिक रूप से कहती रही है कि उसने हमारी पार्टी के साथ गठबंधन के समय एक समझौता किया था, लेकिन उनके दावे की असलियत से उन लोगों को हमें अवगत कराना चाहिए जिन्हें इसके बारे में जानकारी है. उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए मैं नीतीश कुमार से अलग रहा, लेकिन जब मैंने उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर होते देखा तो मैं लव-कुश (कुर्मी-कोइरी) एकता और अति पिछड़ा वर्ग के व्यापक हित में अपनी पार्टी आरएलएसपी का विलय करके वापस आ गया.

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