रांची : इलेक्ट्रो होम्योपैथ के जनक डा. काउंट सीजर मैटी की आज 214वीं जयंती मनायी गयी. इस अवसर पर आज श्री साई इलेक्ट्रो होम्यो हेल्थ क्लिनिक, मधुकम में डा. मैटी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित की गयी.
मैटी ने इलेक्ट्रो होम्यो के रूप में संजीवनी देकर गये : डॉ एमके सिंह
मौके पर रांची के वरीय इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सक डॉ एमके सिंह ने कहा कि महात्मा मैटी ने आमजनों के बीच इलेक्ट्रो होम्यो के रूप में संजीवनी देकर गए हैं, जो विद्युत की तरह रोगों को समूल समाप्त करने में सक्षम है. वहीं डॉ अमृतपाल सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्यो मानव जीवन के लिए वरदान है. इसे जानने और समझने की जरूरत है.
आदि शक्ति ही इलेक्ट्रो होम्यो का मूल आधार : डॉ वर्मा
मौके पर डॉ वाईआर वर्मा ने कहा कि आदि शक्ति की चर्चा वेदों व उपनिषदों में भी की गयी है. आदि शक्ति विद्युत रूप में पौधों में भी पायी जाती है, जिसकी चर्चा ऋषि-मुनियों ने भी की है. इलेक्ट्रो होम्यो में भी विभिन्न आदि शक्ति को लेकर और उनको आपस में मिलाकर औषधियों का निर्माण किया जाता है.
डॉ मैटी ने 1865 ईस्वी में इलेक्ट्रो होम्यो का आविष्कार किया
इन औषधियों को आकर्षण शक्ति के सिद्धांत पर इटली निवासी डॉ काउंट सीजर मैटी ने 1865 ईस्वी में इलेक्ट्रो होम्यो नामक चिकित्सा पद्धति का आविष्कार किया, जो विष रहित और हानि रहित है. आज जरूरत है इस जीवनदायनी चिकित्सा पद्धति को अपनाने की.
इस अवसर पर डॉ एमके सिंह, डॉ अमृतपाल सिंह, डॉ रेखा कुमारी, डॉ अमिताभ प्रियदर्शी, डॉ दीपक कुमार, डॉ अलोक वर्मा, डॉ वाई आर वर्मा, डॉ देवानंद सहित इलेक्ट्रो होम्यो चिकित्सा से जुड़े अन्य लोग मौजूद थे.