CM Hemant Soren

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह और कोडरमा के विकास कार्यों की समीक्षा, बोले- क्रियान्वयन का वर्ष है 2023, योजनाओं की मॉनिटरिंग करेंगे  

झारखण्ड

गिरिडीह : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने बुधवार को नगर भवन में गिरिडीह और कोडरमा जिले में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं की अधिकारियों के साथ समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नए वर्ष में नए जोश के साथ काम करें. सभी विभागों के अधिकारी समन्वय स्थापित कर पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने दायित्व और कार्यों का निर्वहन करेंगे, तो निश्चित तौर पर हमारी जो सोच है, हमारा जो उद्देश्य है, उसे हासिल कर पाएंगे.

अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों को योजना का लाभ मिले

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि वर्ष 2023 क्रियान्वयन का वर्ष है. सरकार की कई योजनाएं चल रही हैं. इन योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हो. योजनाएं धरातल पर उतरे और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों को इसका लाभ मिले, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस कड़ी में हर जिले में चल रही योजनाओं की लगातार निगरानी होगी. वरीय अधिकारियों के साथ स्वयं जिलों में जाकर इसकी समीक्षा करूंगा.

योजनाओं की प्रगति का प्रेजेंटेशन आकर्षक, ग्राउंड रियलिटी कुछ और

मुख्यमंत्री ने समीक्षा के क्रम में अधिकारियों से कहा कि आपने यहां विभिन्न योजनाओं की प्रगति का प्रेजेंटेशन काफी आकर्षक तरीके से दिया है, लेकिन ग्राउंड रियलिटी कुछ और कहती है. हमें यथार्थ में जड़ को मजबूत करना है, ताकि सरकार की जो भी योजनाएं चल रही हैं, उसका क्रियान्वयन बेहतर तरीके से और धरातल पर हो सके.

शहरों जैसी सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध हो

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि शहरों में जिस तरह की सुविधाएं लोगों को मिल रही है, वैसी सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध हो, इसका प्रयास सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि गांवों में बिजली, पानी, सड़क और इंटरनेट जैसी कनेक्टिविटी मजबूत किया जा रहा है ताकि इसका लाभ ग्रामीणों को अपने ही गांव -घर में मिल सके.

पलायन को रोक नहीं सकते, व्यवस्था जरूर खड़ा कर सकते हैं

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सही है कि राज्य से हो रहे पलायन को हम रोक नहीं सकते हैं लेकिन एक ऐसी व्यवस्था जरूर खड़ा कर सकते हैं, जहां लोगों को वैसे कार्य या रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं, जिसके लिए लोग दूसरे राज्यों का रुख करते हैं . इसके लिए पूरी ईमानदारी से कार्य करने की जरूरत है.

पंचायतों का अपेक्षित विकास नहीं हो तो यह चिंता की बात

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने कहा कि राज्य के कुल बजट की 45 प्रतिशत राशि सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन इत्यादि के मद में खर्च होता है. अगर गिरिडीह और कोडरमा जिले की सिर्फ बात करें तो यहां लगभग 450 पंचायतें हैं, जबकि विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या 10,000 से ज्यादा होगी. इसके बाद भी अगर पंचायतों का अपेक्षित विकास नहीं हो तो यह चिंता की बात है. हमें ऐसे हालात बदलने होंगे और इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों को बेहतर तरीके से अपने कार्यों का निर्वहन करना होगा.

बड़ी आबादी आदिवासियों और दलितों की

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की एक बड़ी आबादी आदिवासियों और दलितों की है फिर भी उन्हें बैंकों की निष्क्रियता की वजह से सरकार की योजनाओं का लाभ लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मैं इस बात से केंद्र सरकार को अवगत कराऊंगा, ताकि बैंकों का पूरा सहयोग राज्य को मिले.

बैठक में मुख्यमंत्री ने सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, सर्वजन पेंशन योजना, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मनरेगा अन्तर्गत मानव दिवस सृजन, राजस्व न्यायालय, आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार, जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाओं एवं जिलों के विधि-व्यवस्था की समीक्षा की.

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