रांची : झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा जैन धर्म के पवित्र तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी मधुबन को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के निर्णय पर पुनर्विचार के लिए आज मुख्य सचिव को पत्राचार किया गया. अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध श्री सम्मेद शिखर जी जैन धर्मावलंबियों का सबसे बड़ा पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है.
पर्यटन स्थल घोषित करने से पवित्रता भंग होने की संभावना
पर्यटन स्थल घोषित किये जाने से इस पूजा स्थल की पवित्रता भंग होने की संभावना बनेगी. वहां मांसाहार और शराब सेवन जैसी अनैतिक गतिविधियां बढने की संभावना भी बनेगी और इससे अहिंसक जैन समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचेगा. गिरिडीह जिले में स्थित जैन समाज के पवित्र तीर्थ पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल घोषित करने के निर्णय से देभभर के जैन समाज में निराशा का माहौल उत्पन्न हुआ है.
धार्मिक तीर्थस्थल घोषित करने की अनुशंसा की जाये
यह आग्रह किया गया कि जैन धर्मावलंबियों की वास्तविक मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के निर्णय को शिथिल करने और इस पवित्र तीर्थ स्थल को धार्मिक तीर्थस्थल घोषित करने की अनुशंसा की जाये. सरकार के इस निर्णय से देशभर के जैन समाज के लोगों में साकारात्मक संदेश जायेगा.
चैंबर अध्यक्ष ने दी नववर्ष 2023 की शुभकामनाएं
नये वर्ष के आगमन पर प्रसन्नता जताते हुए चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने प्रदेश के सभी व्यापारियों, उद्यमियों और प्रोफेशनल्स को नववर्ष की बधाई दी और राज्य के आर्थिक विकास में अपनी सहभागिता को और अधिक सशक्त करने की अपील की.
सकारात्मक सहयोग के लिए धन्यवाद दिया
वर्ष 2022 में प्राप्त सहयोग के लिए उन्होंने राज्य सरकार, ब्यूरोक्रेट्स, जिला प्रशासन और प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया के प्रतिनिधियों को भी धन्यवाद दिया और कहा कि सभी के सकारात्मक सहयोग से इस वर्ष स्टेकहोल्डर्स की कई जटिल समस्याओं का समाधान त्वरित गति से संभव हुआ है. प्रधानमंत्री की माताजी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए प्रदेश के व्यापारियों की ओर से चैंबर अध्यक्ष ने संवेदना जतायी और कहा कि देश को यशस्वी नेतृत्व देनेवाली कर्मयोगी माता सदैव स्मरण की जायेंगी.