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झारखंड में आशा कार्यकर्ताओं की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी, जानें क्या है मांग

झारखण्ड राँची

झारखंड में आशा कार्यकर्ताओं की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही. वे पारिश्रमिक में वृद्धि सहित अपनी अन्य मांगों पर अड़ी रहीं. सरकार की ओर से उनकी हड़ताल को खत्म कराने के लिए कोई प्रयास होता नजर नहीं आ रहा है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण, प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर जांच जैसी स्वास्थ्य सेवाओं पर आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल के चलते प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.

झारखंड में 42,000 से अधिक मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) के हड़ताल में शामिल होने की खबर है. आशा कार्यकर्ता राज्य के प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रदर्शन कर रही हैं और ब्लॉक स्तर पर रैलियों में भाग लेने का काम कर रहीं हैं.

झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ (जेपीएसएसएस) की सचिव माया सिंह ने कहा है कि यदि हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तो हमारे पास आंदोलन को तेज करने के अलावा कोई विकल्प आगे नहीं है. उनका संगठन उनकी सेवाओं के नियमितीकरण के साथ-साथ ईपीएफ और पेंशन के लाभ के अलावा पारिश्रमिक को कम से कम 18,000 रुपये प्रति माह करने की मांग कर रहा है.

इधर, अपनी नौकरी नियमित करने की मांग को लेकर 17 जनवरी से धरने पर बैठे राज्य सरकार के संविदा कर्मचारियों ने भी बुधवार को आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है.

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