बिहार के एक गांव में 2020 में एक मां ने जन्म देने के बाद अपने जिस नवजात को लावारिस हालत में सड़क किनारे छोड़ दिया था, वह नवजात धर्मराज अब सात समुद्र पार स्वीडन के महलों में पलेगा. बाल कल्याण समिति लखीसराय के प्रयास से दत्तक ग्रहण संस्थान बेगूसराय में रह रहे धर्मराज को सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद स्वीडन भेजा जायेगा.
डीएम ने स्वीडन के नागरिक डेनियल संजय को सौंपा
डीएम रोशन कुशवाहा ने स्वीडन के नागरिक डेनियल संजय ओहल्सन एवं उनकी पत्नी कैटरीना एम्मा सुजैन संजय ओहल्सन को सौंप दिया है. पासपोर्ट एवं वीजा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है तथा यह तैयार होते ही स्वीडन के दंपत्ति धर्मराज को लेकर अपने देश चले जाएंगे.
धर्मराज को उठाते ही दंपत्ति के चेहरे खिले
व्यवसायी पिता डेनियल संजय एवं लाइब्रेरियन मां कैटरीना एम्मा ने जब धर्मराज को गोद में उठाया तो एक ओर धर्मराज की खिलखिलाहट गूंज उठी तो वहीं दंपत्ति के चेहरे भी खिल उठे. मौके पर जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक गीतांजली प्रसाद, बाल संरक्षण पदाधिकारी सुजीत कुमार एवं विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के समन्वय ऋतु कुमारी आदि उपस्थित थे.
संस्थान से चार बच्चों को दत्तक माता-पिता को सौंपा गया
उल्लेखनीय है कि विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रह रहे चार बच्चों को विगत तीन दिनों के अंदर उनके दत्तक माता-पिता को सौंपा गया है. धर्मराज को जहां स्वीडन की दंपति ने गोद लिया है. वहीं साहिल को केरल, साक्षी को पटना एवं शिवम को बिहटा के दंपत्ति ने गोद लिया है.
डीएम ने बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी डीएम ने संबंधित दत्तक माता-पिता को बच्चे के समुचित देखभाल एवं अच्छी परवरिश करने का निर्देश दिया तथा बच्चों को उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं. किशोर न्याय अधिनियम के तहत देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को संस्थान में आवासित कराया जाता है. संबंधित बच्चे की विवरणी दत्तक ग्रहण के लिए सीएआरए डॉट इन पर अपलोड किया जाता है.