मुहर्रम के दौरान झारखंड में पुलिस की सख्त तैयारी, 23 जिलों में पांच हजार होमगार्ड जवानों की तैनाती
रांची: झारखंड पुलिस ने आगामी मुहर्रम त्यौहार के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक सुरक्षा योजना तैयार की है। पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग से पत्राचार करते हुए राज्य के 23 जिलों में मुहर्रम के अवसर पर पांच हजार अतिरिक्त होमगार्ड जवानों की तैनाती का आग्रह किया है। यह तैनाती 5 जुलाई से 7 जुलाई तक की जाएगी, ताकि इस तीन दिन के दौरान शांति बनाए रखी जा सके।
पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को भेजे गए पत्र में कहा है कि मुहर्रम के दौरान खासकर ताजिया और जुलूस निकाले जाते हैं, जिससे कई बार सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती आवश्यक है। पुलिस विभाग ने यह भी उल्लेख किया है कि धार्मिक स्थलों के आसपास प्रदर्शन और विवादों से कभी-कभी सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो जाता है, जो शांति भंग कर सकता है। ऐसे में शांति बनाए रखने के लिए सभी सुरक्षा बलों का सक्रिय रहना जरूरी होगा।
पुलिस मुख्यालय का कहना है कि इस बार मुहर्रम के अवसर पर विशेष ध्यान उन जिलों पर दिया जाएगा जो सांप्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील माने जाते हैं। झारखंड के आठ जिले, रांची, हजारीबाग, धनबाद, जमशेदपुर, गिरिडीह, बोकारो, कोडरमा और लोहरदगा, सांप्रदायिक तनाव के लिहाज से अतिसंवेदनशील माने जाते हैं। इन जिलों में पुलिस और होमगार्ड के अतिरिक्त जवान तैनात किए जाएंगे, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके।
झारखंड पुलिस के उच्च अधिकारियों ने इस दिशा में व्यापक योजना बनाई है, जिसमें स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भी तैयार किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुहर्रम जैसे संवेदनशील समय में पुलिस की सतर्कता और समन्वय सबसे अहम होता है।
इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग ने विशेष निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत सभी धार्मिक आयोजनों और जुलूसों की पहले से अनुमति ली जाएगी और इनकी निगरानी के लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया जाएगा। किसी भी स्थिति में अफवाहों और उत्तेजक भाषणों को फैलने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
इस प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य न केवल मुहर्रम के दौरान शांति बनाए रखना है, बल्कि समाज में सांप्रदायिक सौहार्द्र को भी बढ़ावा देना है। पुलिस ने राज्यवासियों से अपील की है कि वे इस त्यौहार को मिलजुलकर शांति से मनाएं और किसी भी प्रकार की हिंसा या असहमति से बचें। पुलिस और सुरक्षा बल हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं, ताकि मुहर्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो सके और झारखंड में एकता और भाईचारे का संदेश जाए।
झारखंड पुलिस की इस पहल को राज्यभर में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन त्यौहारों के दौरान होने वाली किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
