Khuti

Khuti : कर्रा प्रखंड का आजीविका कृषि फार्म बना बहुद्देशीय प्रयासों का मॉडल

खूँटी

Khuti : कर्रा प्रखंड मुख्यालय जो खूंटी जिले में है, यहां स्थापित आजीविका कृषि फार्म में किसानों को ड्रैगन फ्रूट से लेकर स्ट्रॉबेरी की खेती तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही यहां उत्पादन भी किया जा रहा है. 25 एकड़ भूमि पर फैला मनरेगा पार्क कृषि क्षेत्र में बहुद्देशीय प्रयासों का मॉडल बन गया है.

फलों और फूलों का उत्पादन आधुनिक तरीके से

आजीविका कृषि फार्म में परियोजना में विभिन्न प्रकार की नगदी फसलों का उत्पादन और किसानों को प्रशिक्षण देने का प्रावधान है. यहां विभिन्न प्रकार के फलों और फूलों का उत्पादन आधुनिक तरीके से किया जा रहा है. इसमें चीकू, पपाया, सीडलेस लेमन, सेव, बैर, कॉफी, ड्रैगन फ्रूट, पपीता, अमरूद पाइन एप्पल, कीनू और गन्ने की खेती को बढ़ावा मिल रहा है. साथ ही कृषि से जुड़ी जीविकोपार्जन की अन्य गतिविधियां जैसे दुग्ध उत्पादन, मनरेगा के तहत शेड निर्माण, गिर गाय पालन, मुर्रा भैंस का पालन, इटालियन मधुमक्खी पालन सह शहद उत्पादन पर खासा जोर, दिया जा रहा है.

Khuti : कृषि संबंधी गतिविधियों पर प्रयोग तथा शोध

आजीविका कृषि फार्म में हॉर्टिकल्चर के साथ अन्य कृषि संबंधी गतिविधियों पर प्रयोग तथा शोध किए जा रहे हैं. सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए सोलर कोल्ड स्टोरेज का संचालन किया जा रहा है. टपक सिंचाई की सुविधा और तालाबों का भी निर्माण किया गया है. विभिन्न आउटलेट के जरिए फार्म के कोने-कोने तक पानी पहुंचाया जा रहा है. बहुत जल्द कस्टम हायरिंग सेंटर, चलंत सोलर लिफ्ट पंप सेट, थ्रेसर व अन्य तकनीकी सुविधा किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी.

किसान पाठशाला : बन रहा 30 बेड का हॉस्टल

आजीविका कृषि फार्म में किसान पाठशाला को अत्याधुनिक बनाने के साथ किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए यहां 30 बेड का हॉस्टल बनाया जा रहा है, जहां लोग आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे. पूरे खूंटी जिले में हार्टिकल्चर, फलों की बागवानी पर विशेष ध्यान दिया गया है. प्रसंस्करण के लिए फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाएंगें. इसके प्रथम चरण में आम, कटहल, स्ट्रॉबेरी, टमाटर, लेमनग्रास व जेरेनियम का तेल निकालने की आसवन इकाइयों की व्यवस्था की जायेगी.

खूंटी (Khuti) को ड्रैगन फ्रूट कैपिटल बनाने का लक्ष्य

आजीविका कृषि फार्म के तहत प्रशासन ने खूंटी (Khuti) जिले को ड्रैगन फ्रूट कैपिटल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है. पहले 25 एकड़ भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की गयी थी. अब 52 एकड़ भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हेठगोआ में इसकी खेती की गयी थी. अब लगभग 90 किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़ चुके हैं.

किसानों के विकास के लिए लगातार हो रहा है प्रयास : कृषि पदाधिकारी

आजीविका कृषि फार्म के संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी संतोष लकड़ा ने बताया कि प्रशासन किसानों के विकास और उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि कर्रा का आजीविका कृषि फार्म किसानों के लिए काफी लाभदायक है. किसानों को इसका लाभ उठाना चाहिए.

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