केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार के लाचार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनर्गल बयान देने वाले मंत्रियों और महागठबंधन के नेताओं पर कार्रवाई करें. अगर अपमान नहीं रुका तो सनातन धर्मावलंबियों का आक्रोश रोकना बिहार सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगा. शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में आयोजित प्रेसवार्ता में गिरिराज सिंह ने कहा कि महागठबंधन के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संरक्षण में हिंदुओं को, हिंदुओं के महान ग्रंथ को अपमानित कर रहे हैं और मुख्यमंत्री लाचार की तरह चुपचाप बैठे हुए हैं. वह अपने पद पर बने रहने के लिए लिए धृतराष्ट्र की भूमिका में बिहार को बदनाम और बर्बाद कर रहे हैं, धार्मिक उन्माद फैला रहे हैं.
बिहार को हम कर्बला बना देंगे, यह वक्तव्य बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण
कल महागठबंधन के एक नेता ने कहा है कि बिहार को हम कर्बला बना देंगे, यह वक्तव्य बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. भारत का दुर्भाग्य रहा कि आबादी के समय जब बंटवारा किया गया तो उसी समय मुस्लिमों की पूरी आबादी को ट्रांसफर नहीं किया गया. अगर उसी समय सभी मुसलमान को पाकिस्तान भेज दिया जाता और हिंदुओं को हिंदुस्तान में ले आया जाता तो आज बिहार और भारत में कोई कर्बला का मैदान बनाने, सर तन से जुदा करने की बात नहीं करता.
बिहार का बहुसंख्यक सनातनी आस्था पर चोट बर्दाश्त नहीं करेगा
जो लोग कर्बला बनाने की बात करते हैं, उन्हें याद रहे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लाचार हो सकते हैं. लेकिन बिहार का बहुसंख्यक सनातनी अपने आस्था पर चोट को बर्दाश्त नहीं करेगा. हमारी आस्था को लाचारी समझ रहे हैं तो यह उनकी भूल है. सरकार इसका खंडन करे, ऐसे बोलने वालों पर रोक नहीं लगा तो बहुसंख्यक बहुमत समाज का आक्रोश नहीं दबा सकेगी. अब तो हालत यह हो गया है कि मधेपुरा में इंजीनियरिंग कॉलेज में सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने पर रोक लगा दिया गया है.
हालत यह है मुख्यमंत्री की बात मंत्री भी नहीं सुनता
जदयू के नेता हनुमान मंदिर में जाकर दिखावा के लिए रामचरितमानस का पाठ करते हैं और हालत यह है कि मुख्यमंत्री की बात मंत्री भी नहीं सुनता है. रोज नया बयान आ रहा है, हिम्मत है तो हिंदुओं के महान ग्रंथ रामायण पर किए गए टिप्पणी की तरह मुसलमानों के ग्रंथ कुरान पर टिप्पणी करके देख लें. वोट के सौदागरों की सरकार अति की सीमा पार नहीं करे, सामाजिक सौहार्द को नहीं बिगाड़े. विकास पर तो ध्यान नहीं है.
सात सौ करोड़ का क्लस्टर बनना था, सरकार एवं प्रशासन उदासीन
उन्होंने कहा कि बेगूसराय में सात सौ करोड़ की लागत से आईटी क्लस्टर बनना था. लेकिन सरकार एवं प्रशासन की उदासीनता से मार्च में वह लौट जाएगा. इसके लिए हमने पत्र लिखा तो कोई जवाब नहीं दिया गया. भारत सरकार के आईटी सचिव ने पहल की, उस पर भी कोई जवाब नहीं दिया गया. बेगूसराय में हवाई अड्डा के पुनर्निर्माण और हवाई सेवा शुरू करने के लिए कोई पहल नहीं कर रही है. हमारी कोशिश पर भारत सरकार यहां से हवाई सेवा शुरू करने के लिए तैयार हैं. डीएम से ब्यौरा मांगा गया है, लेकिन राज्य सरकार और जिला प्रशासन सहयोग नहीं कर रही है.
हठधर्मिता के कारण शराब नीति विफल हो गयी
गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार की हठधर्मिता के कारण शराब नीति विफल हो गयी है. जैसे भगवान दिखते कहीं नहीं और हैं सब जगह, उसी तरह बिहार में हर जगह शराब मिल रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री को दिखता नहीं है, जहरीली शराब से लोग मर रहे हैं. शराब के अलावे बिहार पंजाब के बाद ड्रग का बड़ा हब बन गया है. हर जिला में ड्रग माफिया का जाल फैल गया है, मुख्यमंत्री कदम नहीं उठाएंगे तो पंजाब की तरह ही बिहार हो जाएगा, यहां नेपाल के रास्ते ड्रग्स आ रहा है.