मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खरसावां गोलीकांड के शहीदों को किया नमन

राँची

सरायकेला खरसावां : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को सरायकेला-खरसावां जिला के खरसावां में खरसावां गोलीकांड के वीर शहीदों के सम्मान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने शहीद पार्क में शहीद स्मारक (शहीद बेदी) और वीर शहीद केसरे मुंडा चौक में शहीद स्मृति चिन्ह पर माल्यार्पण कर इन वीर शहीदों को नमन किया.

हमारी सरकार आदिवासियों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शहीद स्थल नहीं, आदिवासियों का प्रेरणा स्थल है. यहीं से हमें आदिवासियों को एकजुट करने और आगे बढ़ाने की ताकत मिलती है. उन्होंने कहा कि आदिवासी हमेशा नजरअंदाज किए जाते रहे. हमारे नीति निर्धारकों ने इनके विकास, कल्याण और हित की दिशा में बहुत गंभीरता नहीं दिखाई. यही वजह है कि आदिवासी आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, बौद्धिक और राजनीतिक रूप से कमजोर और पिछड़े बने रहे. हमारी सरकार आदिवासियों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.

जल-जंगल-जमीन से लेकर अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों ने लगातार उलगुलान किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हम इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो पता चलेगा कि आदिवासियों का संघर्षों से पुराना रिश्ता-नाता रहा है. जल-जंगल-जमीन से लेकर अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों ने लगातार उलगुलान किया. झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में आदिवासियों ने अपना सब कुछ झोंक दिया. इन आंदोलनों और संघर्षों में अनगिनत आदिवासियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. आज हम उन्हीं शहीदों के सपनों का झारखंड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड एक ऐसा राज्य है, जिसकी पहचान आदिवासियों से होती है. फिर भी, पिछले दो दशकों के दौरान आदिवासियों को हमेशा हाशिये पर रखने का कार्य होता रहा. हमारी सरकार ने यहां के आदिवासियों और उनकी सभ्यता, संस्कृति तथा परंपरा को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए आदिवासी दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन प्रारंभ किया. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में इसका आयोजन इतना भव्य और शानदार होगा कि पूरी दुनिया से आदिवासी झारखंड आएंगे और इस समारोह की शान बढ़ाएंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कुछ ऐसे तत्व हैं, जो आदिवासी समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. कभी जल, जंगल और जमीन से आदिवासियों को उजाड़ने की कोशिश होती है तो कभी सीएनटी और एसपीटी में छेड़छाड़ होता है. आदिवासियों की परंपरा सभ्यता और संस्कृति पर भी हमला किया जाता है. लेकिन, यह सरकार आपने बनायी है. ऐसे में हम आदिवासियों के मान-सम्मान और स्वाभिमान से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने देंगे. आदिवासी समाज को जो भी तोड़ने का कोशिश करेगा, उसे उसका माकूल जवाब दिया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पूरे मान-सम्मान के साथ आदिवासियों को उनका हक और अधिकार दे रही है. इस बात से हम सभी वाकिफ हैं कि आदिवासी सबसे पिछड़े और गरीबों की श्रेणी में आते हैं. ऐसे में इन्हें सशक्त और मजबूत बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. देश और राज्य के लिए शहादत देने वालों के परिजनों को हम नौकरी दी जा रही है. आदिवासियों के हित में जो भी काम करने की जरूरत होगी, उसे प्राथमिकता के आधार पर निश्चित तौर पर पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की जड़ें काफी मजबूत हैं क्योंकि, इस सरकार को आपने बनाया है. यह आपकी सरकार है. ऐसे में आपका ख्याल रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.

हमारी सरकार दिल्ली और रांची से नहीं, बल्कि गांव से चल रही है

हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार दिल्ली और रांची से नहीं, बल्कि गांव से चल रही है. हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं क्योंकि गांव को मजबूत बनाकर ही हम राज्य को सशक्त बना सकते हैं. उन्होंने कहा कि अब समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे लोगों तक सरकार की योजनाएं पहुंच रही हैं. “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” कार्यक्रम के जरिए आपके दरवाजे पर आकर आपकी समस्याओं का समाधान हो रहा है. जिस अधिकारी से मिलने के लिए आप उनके दफ्तरों का बार-बार चक्कर लगाते थे, वे आज आपके घर पर पहुंचकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दे रहे हैं. हमारी सरकार ने व्यवस्था बदलने का काम किया है.

पिछले 20 वर्षों तक झारखंड की चिंता किसी ने नहीं की

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 20 वर्षों तक झारखंड की चिंता किसी ने नहीं की. तमाम संसाधनों के होने बाद भी झारखंड पिछड़ा और गरीब राज्य बना रहा. लेकिन, हमारी सरकार जब से बनी है, झारखंड को आगे बढ़ाने की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं. वर्ष 2025 में झारखंड 25 वर्ष का युवा हो जाएगा. ऐसे में हम इस राज्य को मजबूत बनाने की दिशा में कदम बढ़ा चुके हैं. हम एक ऐसा झारखंड बनाएंगे, जो अपने पैरों पर खड़ा होगा और उसे किसी से मदद लेने की जरूरत नहीं होगी .

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