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कृषि शुल्क विधेयक पर कृषि मंत्री से चैंबर की वार्ता

राँची

रांची : झारखंड में कृषि शुल्क प्रभावी करने के निर्णय से कृषकों व व्यापारियों के बीच बन रही असमंजसता की स्थिति को देखते हुए अध्यक्ष किशोर मंत्री के नेतृत्व में झारखंड चैंबर ऑफ कामर्स की एक बैठक कृषि मंत्री  बादल पत्रलेख से हुई.

कृषि शुल्क विधेयक की अव्यवहारिकताएं बतायी

कृषि शुल्क विधेयक की अव्यवहारिकताओं का उल्लेख करते हुए विस्तार से सारी चीजें बतायी गयी कि किस प्रकार इस विधेयक के प्रभावी होने से राज्य का व्यापार, किसान और उपभोक्ता प्रभावित होंगे. यह भी बताया गया कि इसकी अव्यवहारिकताओं को देखते हुए ही वर्ष 2015 में शुल्क को शून्य कर दिया गया था, जो झारखण्ड के कृषकों और व्यापारियों के हित में रहा. इस विधेयक के माध्यम से उस शुल्क की वापसी से पुनः अनियमितताएं बढेंगी.

महंगाई को बढ़ानेवाला होगा कृषि शुल्क विधेयक

प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि झारखण्ड में अधिकांशतः आयातित वस्तुओं का ही व्यापार होता है. अन्य राज्य से आयातित वस्तु पर कृषि शुल्क लगाकर जिसपर बाजार समिति ने कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई है, यह सीधा-सीधा आम उपभोक्ता पर महंगाई को बढ़ानेवाला होगा. चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि झारखण्ड में कृषि बाजार समिति का वास्तविक माडल सेकेंड्री मार्केट का है.

छोटी-छोटी दुकानों को भी लाइसेंस लेना पड़ेगा

विधेयक के प्रभावी होने से कस्बों में संचालित छोटी-छोटी दुकानों को भी लाइसेंस लेना पड़ेगा. पशुधन व मछली पालन को भी कृषि शुल्क के दायरे में लाया गया है. सिविल मुकदमा से रोक इत्यादि विषयों पर भी उन्होंने अपनी चिंता जताई. यह आग्रह किया गया कि राज्य के उपभोक्ता, किसान और व्यवसाय हित में इस विधेयक को समाप्त करने की पहल करें. चैंबर अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर प्रदेश के सभी जिलों के व्यापारियों के साथ वृहद् चर्चा हेतु मंत्री को चैंबर भवन में भी आमंत्रित किया.

मंत्री का रहा सकारात्मक रूख

मंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल की सारी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और सकारात्मक रूख दिखाया. साथ ही उन्होंने चैंबर अध्यक्ष के आमंत्रण पर चैंबर भवन में आकर व्यापारियों के साथ राज्यस्तरीय वार्ता के लिए भी आश्वस्त किया. मौके पर रांची नगर निगम के पूर्व उपमहापौर अजयनाथ शाहदेव, झारखण्ड कांग्रेस के रांची महानगर के संजय पाण्डेय, दीपक ओझा के अलावा चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी, अनिल शर्मा, अशोक मंगल शामिल थे.

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