ईसीएल की राजमहल परियोजना के बहुरेंगे दिन

गोड्डा

गोड्डा : जिले में कार्यरत ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की इकाई राजमहल परियोजना के जमीन संकट के निदान के पश्चात उनके दिन अब बहुरने वाले हैं. तालझारी मौजा की जमीन मिलने के बाद अब लगातार उत्पादन की स्थिति में सुधार आ रहा है तथा ओवर बर्डन (मिट्टी ) हटाने के मामले में परियोजना ने कीर्तिमान स्थापित कर दिया है.

राजमहल ओसीपी प्रतिदिन 40 हजार टन कोयले का उत्पादन वर्तमान में कर रही

उल्लेखनीय है कि तकरीबन आठ माह पूर्व तालझारी मौजा की जमीन के लिए प्रशासनिक सहयोग से ईसीएल द्वारा अपने अधिग्रहित जमीन पर दखल प्राप्त किया था. लगातार मिट्टी कटाई जोरो से चलने के कारण अच्छा फेस मिलने से कोयला उत्पादन में भी भारी वृद्धि हुई है. राजमहल ओसीपी प्रतिदिन 40 हजार टन कोयले का उत्पादन वर्तमान में कर रही है, जो कि आगे और भी बढ़ने के आसार हैं.

कोयला उत्पादन सुधारने से परियोजना से जुड़े कई प्रकार के कार्य भी बेहतर होंगे

वर्तमान महाप्रबंधक प्रभारी एएन नायक द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बाद कोयला उत्पादन में तेजी आई है. राजमहल ओसीपी के खनन प्रबंधक सतीश कुमार मुरारी ने इस संबंध में जानकारी पूछे जाने पर बताया कि 20 नवंबर के बाद से प्रतिदिन 50000 टन कोयले का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे 70000 टन मार्च तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 15.4 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य ईसीएल ने दे रखा है. ओबी कटिंग के रिकार्ड उत्पादन करने पर जेएमएस के ओसीपी सचिव पवन कुमार ने परियोजना प्रबंधन को बधाई देते हुए कहा है कि आगे और भी बेहतर कार्य करने के लिए हमारी पूरी टीम समर्पित रहेगी. कोयला उत्पादन सुधारने से परियोजना से जुड़े कई प्रकार के कार्य भी बेहतर होंगे. वहीं राज्य सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होने की उम्मीद है.

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