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स्वामी सदानंद जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर अपने शिष्यों को दीपावली की बधाई दी

राँची

रांची : श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समिति के संस्थापक एवं संरक्षक संत शिरोमणी श्री श्री 1008 स्वामी सदानंद जी महाराज आज दिनांक 08/11/2023 बुधवार को प्रातः 4:30 बजे बेगूसराय से सड़क मार्ग से चलकर संस्था के सत्संग भवन शिवगंज हरमु रोड़ स्थित विधा देवी अग्रवाल के निवास स्थान पहुँचें.            

गुरूजी महाराज ने 108 दिपक जलाकर सभी सुन्दरसाथ भाईयों एवम बहनों को धनतेरस,रूप चौदस, दिपावली, गोवर्धन पुजा,भाई दुज एव छठ्ठ महापर्व की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाऐं दी.

गुरूजी महाराज ने कहा कि सभी प्रेम और ज्ञान के दिपक जलाये

गुरूजी महाराज ने कहा कि सभी प्रेम और ज्ञान के दिपक जलाये. दीपावली का अर्थ अक्सर सब यही लगाते हैं की घर में खूब रोशनी करना घर की सफाई करना और खाना और खिलाना पर सच में क्या दिवाली का यही अर्थ है?.  माना जाता है कि भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर इस दिन अयोध्या वापस आए थे. तब सभी अयोध्यावासियों ने खूब खुशियां मनाई थी. घर-घर में दीपक जलाए गए थे और खूब आनंद का माहौल था परस्पर सभी में प्रेम भाव था. जितनी खुशियां वातावरण में थी उतनी उनके दिलों में भी थी क्योंकि उनके राज दुलारे उस दिन घर लौटे थे. पर आज इस त्यौहार का असली अर्थ आनंद उत्सव कहीं खो सा गया है. आज लोगों ने इस त्यौहार को सिर्फ अर्थ उपार्जन का त्यौहार बना दिया है. सभी की बस एक ही कामना रहती है खूब अच्छे से लक्ष्मी पूजन करें और लक्ष्मी जी के लक्ष्मी जी धन के रूप में हमारे घर आए पर लक्ष्मी स्वरूप क्या सिर्फ धन का है लक्ष्मी जी तो प्रेम और संतोष की मूरत है. जहां प्रेम और संतोष होता है वहां लक्ष्मी जी खुद आती हैं और जहां दिलों में बैर होते हैं वहाँ लाख पूजन करे तो भी नहीं आती.असली धन तो संतोष को प्रेम ही है जिसके पास या धनु होता है उसको कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती. हम घर के कोने कोने की सफाई करते हैं पर अपने मन को साफ करना भूल जाते हैं. हम सब अपने घर मे लाइट और दिपक से खूब रोशनी करते हैं पर अपने अंदर जो क्रोध ईर्ष्या द्वेष रूपी अंधकार है उसे रोशन करना भूल जाते हैं. हमें चाहिए कि दीपावली पर प्रेम और ज्ञान के दिपक भी जलाये. हमारे दिलों में सबके लिए प्यार हो किसी से बैर ना हो और भगवान श्री राम के जीवन से यह भी सीखे की कष्ट तो हर किसी थी जीवन में आते ही हैं पर हमें उनका सामना किस प्रकार धीरज रख कर करना चाहिए.  

कार्यक्रम समापन पर गुरू जी महाराज का चंदन वंदन माल्यार्पण कर

कार्यक्रम समापन पर गुरू जी महाराज का चंदन वंदन माल्यार्पण कर गुरू जी महाराज का और राज श्यामा जी (राधा-कृष्ण) भगवान की आरती कर गुरू जी सदानंद जी महाराज ने वहा उपस्थित सभी शिष्यों एव आये हुए श्रद्धालुओ के बीच प्रसाद का वितरण कर आज के दिपावली मिलन समारोह को सम्पन्न किया. और गुरू जी महाराज हवाई मार्ग से अपने होने वाले आज के सत्संग के कार्यक्रम हेतु कलकता के लिए प्रस्थान कर गये. गुरूजी महाराज रांची से हवाई मार्ग से चल कर कोलकाता एव बैंगलोर के लिए प्रस्थान करेगे.यह जानकारी संस्था के उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल (राजु अग्रवाल) ने दी.

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