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भवन नियमितीकरण योजना पर आयोजित कार्यशाला में झारखण्ड चैंबर के सुझाव

झारखण्ड राँची

रांची : स्मॉर्ट सिटी सभागार में नगर विकास विभाग के तत्वावधान में राज्य के नगर निकायों में अनाधिकृत निर्माण को नियमितीकरण करने के लिए योजना 2022 (2023) के प्रारूप के अंतिमीकरण के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ आयोजित कार्यशाला में झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया.

योजना में सभी बिंदुओं पर विचार का आग्रह किया

झारखण्ड चैंबर द्वारा दिसंबर माह में विभाग को भेंजे गये अपने सभी सुझावों पर प्रमुखता से चर्चा की गई और योजना में सभी बिंदुओं पर विचार का आग्रह किया. यह कहा गया कि वैसे भवन जिनकी उंचाई 15 मीटर से अधिक एवं 500 वर्गमीटर प्लिंथ एरिया से ज्यादा है, उनका भी शुल्क के आधार पर नियमितीकरण करने का प्रावधान किया जाना चाहिए. यह भी कहा गया कि चूंकि यह अधिसूचना नगर विकास एवं आवास विभाग से जारी की गई है और उनका कार्यक्षेत्र केवल शहरी क्षेत्र है. यह सुझाया गया कि इसका प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों (जिला परिषदों तथा औद्योगिक क्षेत्रों (जियाडा के क्षेत्रों) में भी लागू किया जाय ताकि राज्य का कोई भी हिस्सा इससे अछूता न रहे और पूरा राज्य इस जनकल्याणकारी योजना का लाभ उठा सके.

अनाधिकृत निर्माण के मामले बडी संख्या में लंबित

यह भी कहा गया कि नगर निगम और क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों द्वारा 500 वर्गमीटर प्लिंथ एरिया से उपर के कई गोदामों एवं व्यवसायिक परिसर पर अनाधिकृत निर्माण के मामले बडी संख्या में लंबित हैं. इन परिसरों पर अनाधिकृत निर्माण के लंबित मामलों के कारण कारपोरेट कंपनियां इन परिसरों का अनुबंध नहीं करती हैं जिस कारण अन्य राज्यों में कंपनियों का कारोबार शिफ्ट होने से सरकार को राजस्व की हानि के साथ ही राज्य के लोगों का रोजगार भी प्रभावित हो रहा है.

योजना को जिला परिषदों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में भी लागू करने का सुझाव दिया गया

 सरकार को इस मामले में भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए. चैंबर द्वारा इस बात को भी प्रमुखता से रखा गया कि इस योजना के प्रारूप में दिनांक 31 दिसंबर 2019 के पूर्व निर्मित भवनों के लिए ही नियमितीकरण का प्रावधान किया गया है. लोगों को अनावश्यक कठिनाई नहीं हो इसलिए जरूरी है कि इस अधिसूचना को जारी किये गये दिन से पहले के सभी निर्माण पर लागू किया जाना चाहिए. इसी प्रकार इस योजना को जिला परिषदों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में भी लागू करने, नक्शा सेंक्शन करने के लिए या नियमितीकरण के लिए जमीन के न्यूनतम दस्तावेज लेने सहित कई अन्य सुझाव भी दिये गये. चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा एक जनकल्याणकारी योजना लाई जा रही है, हमें उम्मीद है कि इस योजना के तहत लाखों की संख्या में आवेदन प्राप्त होंगे.

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