धनबाद : राष्ट्रीय इंटक के सचिव एके झा और ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि कोयला मंत्री के आने के पहले से ही भारत कोकिंग कोल के मजदूरों और पदाधिकारियों के बदौलत कंपनी एक नंबर स्थान पर आई है. बीसीसीएल के मजदूर शुरू से कंपनी को उबारने में लगे हुए थे और अंततः मजदूरों की बदौलत ही कंपनी को सफलता मिली है.
मजदूरों या नागरिकों की हालत बद से बदतर
अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले मजदूरों या नागरिकों की हालत बद से बदतर हो गई है, लेकिन कोयला मंत्रालय उस पर आज तक कोई भी ध्यान नहीं दिया. एक और श्रीमती इंदिरा गांधी कोयला खदानों को राष्ट्रीयकरण करके मजदूरों का जीवन स्तर ऊपर उठाने के लिए निजी करण को समाप्त किया था.
भाजपा सरकार फिर से कोलियरियों को निजीकरण की ओर ले जा रही
वही भाजपा सरकार के द्वारा फिर से कोलियरी यों को निजी करण की ओर धीरे- धीरे ले जाया जा रहा है. दोनों नेताओं ने कोयला मंत्री से मांग की है कि झरिया पुनर्वास पर गंभीरतापूर्वक विचार कर कंपनी के सीएमडी को निर्देश देकर जाएं कि उन लोगों का निराकरण तीन महीना के अंदर कर दिया जाए. भूली नगर में मजदूरों का पानी का काफी दिक्कत है उसे भी दूर करने की मांग की है.
अतिथि भवन बहुत ही भव्य, मंत्री क्यों नहीं ठहरे, वही जाने
नेताओं ने आगे कहा कि कोयला भवन के पास बीसीसीएल का अतिथि भवन बहुत ही भव्य है और भव्य तरीके से सजाया भी गया था. लेकिन मंत्री जी वहां नहीं ठहरे अब क्यों नहीं ठहरे, यह तो वही बता सकते हैं, लेकिन अतिथि गृह में रहने से कुछ मजदूरों से मजदूरों के प्रतिनिधियों से आसानी से बात हो जाती, जो बड़े होटलों में रहकर मजदूर संगठनों से संभव नहीं हो पाता है.