रांची : स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 का रिपोर्ट कार्ड जारी कर दिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में स्वच्छता अवार्ड की घोषणा की गई. इस साल भी इंदौर को पहला स्थान प्राप्त हुआ. सर्वेक्षण में 27 राज्यों में से झारखंड को 15वां स्थान और बिहार को 16वां स्थान मिला.
जमशेदपुर 78वें स्थान के साथ पूरे झारखंड में टॉप पर रहा
राज्य के जमशेदपुर और बुंडू को सबसे साफ शहर का अवार्ड दिया गया. जमशेदपुर 78वें स्थान के साथ पूरे झारखंड में टॉप पर रहा. रांची को 885वां स्थान प्राप्त हुआ जबकि 2022 में रांची की रैंकिंग 1328 थी. डंपिंग रीमेडीएशन व प्रॉसेसिंग की सुविधा नहीं होने के कारण स्वच्छ सर्वेक्षण में रांची का रैंक कम आया है.
स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंक प्राप्त करने के लिए नगर निगम ने कई योजनाएं बनाई थीं लेकिन सभी योजनाएं कागजों पर धरी रह गईं. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लान, वेस्ट डिस्पोजल प्लान, सीवरेज प्रोजेक्ट सहित वेस्ट टू वेल्थ प्लान कागज पर होने के कारण सर्वेक्षण में रांची को कम अंक प्राप्त हुए हैं.
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए 1600 अंक निर्धारित थे
रांची की सफाई-व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निगम पिछले 12 वर्षों से प्रयास कर रहा है. इसके बाद भी सफलता नहीं मिल रही है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सर्वेक्षण में शहर की सफाई और वेस्ट डिस्पोजल को प्राथमिकता दी गई है. डोर टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए 1600 अंक निर्धारित थे.
घरों से समय पर कूड़ा उठाव से ही रैंकिंग में हो सकता है सुधार
रांची में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत यह काम निजी एजेंसी से कराना था लेकिन पिछले 12 साल में तीन कंपनियां काम छोड़ चुकी हैं. इसके बाद निगम ने खुद डोर टू डोर कचरा उठाने शुरू किया. वाहनों की कमी और सही ढंग से मॉनिटरिंग नहीं होने की वजह से शहर के 53 वार्डों के सभी घरों से नियमित रूप से डोर टू डोर कचरा उठाव नहीं हो रहा है. घरों से समय पर कूड़ा उठाव से ही रैंकिंग में सुधार हो सकता है. क्योंकि, सर्वेक्षण के दौरान शहर के लोगों से भी फीडबैक लेकर अंक जोड़े जाते हैं.