रांची

श्रीकृष्ण का जीवन केवल रासलीला नहीं, बल्कि नीति, रणनीति और सेवा का प्रतीक: संजय सर्राफ


रांची। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, चौधरी बगान, हरमू रोड में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह के पूर्व सप्ताह में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने श्रीकृष्ण के जीवन, उनके आदर्शों और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला।

झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री सह श्रीकृष्ण प्रणामी सेवाधाम ट्रस्ट के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्म से ही महान थे। उनका जीवन केवल रासलीला तक सीमित नहीं, बल्कि नीति, रणनीति और समर्पित सेवा का आदर्श है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भारत में पुनः श्रीकृष्ण अवतरित होंगे और भुलोक को स्वर्ग बनाएंगे।

मारवाड़ी युवा मंच, समर्पण शाखा की विनीता सिंघानियां ने कहा कि श्रीकृष्ण प्रशासनिक और धर्म सत्ता दोनों के स्वामी थे, और हमें भी अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण कर सच्चे नेतृत्व का पालन करना चाहिए। समाजसेवी शिव नारायण साहू ने कहा कि श्रीकृष्ण तन और मन दोनों से देवत्व से परिपूर्ण थे, जिनके स्मरण मात्र से विकार समाप्त हो जाते हैं।

समाजसेवी सत्य नारायण तिवारी ने कहा कि कृष्ण ने धर्म की स्थापना और सत्य की रक्षा के लिए कई कार्य किए, जबकि शुभा अग्रवाल ने कहा कि जन्माष्टमी हमें उनके गुणों को आत्मसात करने की प्रेरणा देती है। दुर्गा साहू ने कहा कि कृष्ण का जन्म बंधनों से मुक्ति और सकारात्मकता का प्रतीक है।

केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला ने कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म सतयुगी सुख की दुनिया में हुआ था और वर्तमान कलियुग के अंत में स्वर्ग की स्थापना होगी। उन्होंने पांच विकारों के त्याग को सच्चे कृष्णत्व की पहचान बताया।

कार्यक्रम में भजन, नृत्य, रासलीला और झांकियों के माध्यम से कृष्ण जन्मोत्सव का भव्य उत्सव मनाया गया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने भोग ग्रहण कर बधाई दी। पूरे परिसर में हर्ष और उमंग का वातावरण रहा।

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