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एक्सआईएसएस के जीआईएस तथा रिमोट सेंसिंग कोर्स में सीटें बढीं

राँची

रांची : सुबह उठकर टैक्सी बुकिंग की सेवा से लेकर, रात को खाने के ऑर्डर को करने तक या फिर ज़मीन के नीचे घटते जलस्तर का संवर्धन करना हो अथवा जमीन के ऊपर फ्लाईओवर के प्रबंधन का विषय हो,  इन सब के पीछे एक समानता है–  वह है जीआईएस यानी जिओइन्फार्मेटिक्स तथा रिमोट सेंसिंग.

पिछले कुछ वर्षों में बेहतरीन बढ़ोतरी हुई

पिछले कुछ वर्षों में जीआईएस तथा रिमोट सेंसिंग के विषय में पढाई और नौकरी की मांग में बेहतरीन बढ़ोतरी हुई है. कई छात्र जीआईएस प्रशिक्षित होने के लिए काफी इच्छुक हैं क्यूँकी इस कोर्स को करने के बाद विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों में नौकरी के विकल्प खुल जातें है.

एक्सआईएसएस में शुरू हुआ एक साल का कोर्स

इसी नए जॉब ट्रेंड को ध्यान में रखकर ज़ेवियर समाज सेवा संस्थान (एक्सआईएसएस), रांची ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) द्वारा अनुमोदित एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट मैनेजमेंट (पीजीसीएम) जियो-स्पेशियल टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन इन रूरल डेवलपमेंट कोर्स शुरू किया है.

नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू

इस जीआईएस और रिमोट सेंसिंग कोर्स के नामांकन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है और इच्छुक विद्यार्थी 25 अगस्त, 2023 तक ऑनलाइन आवेदन (https://xiss.ac.in/GITRAINING/) पर जाकर कर सकते हैंI इस कोर्स को दो सेमेस्टर में बाँटा गया है जिसमें कुल 60 सीटें उपलब्ध हैं.

निदेशक ने कहा – कोर्स ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की

डॉ जोसफ मरियानुस कुजूर एसजे, निदेशक, एक्सआईएसएस ने संस्थान में चल रहे इस कोर्स के विषय में कहा, “जीआईएस तथा रिमोट सेंसिंग बहुत तेज़ी से लोकप्रियता प्राप्त करने वाला विषय बन कर उभरा है. इस कोर्स को करने के पश्चात, प्लेसमेंट के आंकडें भी बहुत बेहतरीन होते है, छात्र सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों में नौकरी प्राप्त करते हैं. जिन विषयों पर इस कोर्स में ध्यान दिया जाता है, उनमें प्रशिक्षण पाकर अवश्य की छात्र समाज की अधिक सेवा कर पाएंगे.”

कोर्स की फीस एवं सीटों की संख्या

जीआईएस और रिमोट सेंसिंग के छात्रों के लिए कोर्स का फ़ीस 67,000/- रूपए और कार्यरत लोगों यानि वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए फीस 80,000/- रूपए निर्धारित किया गया हैI जीआईएस और रिमोट सेंसिंग कोर्स में नामांकन लेने के लिए उम्मीदवार का किसी भी विषय में स्नातक के साथ 45% अंक होना आवश्यक हैI इस कोर्स में 30 + 30 सीटों के दो बैच सुबह एवं शाम में संचालित होगी, पहली पाली सुबह 11.30 से शाम के 4:30 बजे तथा दूसरी पाली में शाम के 3 बजे से 6 बजे तक चलेगीI

कोर्स की सुविधाएं

जीआईएस और रिमोट सेंसिंग कोर्स के माध्यम से थ्योरी तथा हर विद्यार्थी के लिए अलग अलग कंप्यूटर के प्रावधान के साथ पर्याप्त लैब प्रैक्टिकल के द्वारा विस्तृत जानकारी दी जाती है, ताकि कोर्स करने बाद विद्यार्थी रोजगार के उचित अवसर प्राप्त कर सकें. इस कोर्स के माध्यम से विद्यार्थियों को सभी लेटेस्ट सॉफ्टवेयर और सर्वे उपकरणों का उपयोग करना सिखाया जाता है.

भारत सरकार तथा राज्य के योजनाओं के अलग-अलग क्षेत्रों में इस तकनीक का उपयोग किया जा रहा हैI एग्रीकल्चर एंव सॉयल जियोसाइंस, ग्रामीण विकास, स्मार्ट सिटी, आपदा प्रबंधन, सर्वे ऑफ इंडिया, फॉरेस्ट्री, माइनिंग आदि विभिन्न क्षेत्रों में इसका उपयोग निरंतर बढ़ता ही जा रहा है.

जीआईएस और रिमोट सेंसिंग का उपयोग निम्नलिखित विभागों एवं दैनिक कार्यों में किया जाता है –

1.  मनरेगा के तहत गाँव के तालाब से लेकर, नगरीय प्रबंधन के लिए स्मार्ट सिटी के सुझाव तक.

2.  साथ ही बढ़ते प्रदुषित वायुमंडल के परिस्करण से लेकर प्राकृतिक आपदाओं से आतंकित वन्य जंतु के संरक्षण तक, सभी जगहों पर जीआईएस और रिमोट सेंसिंग कारगर साबित होती है.

3 . परिवर्तित जलवायु में मानसून के पूर्वानुमान से लेकर, परिबर्धित शहरों में भूमि के मूल्य निर्धारण तक के विषयों में जीआईएस और रिमोट सेंसिंग का उपयोग किया जाता है.

4.  इतना ही नहीं, खनिज उत्पादन हेतु आवश्यक भूमि के अधिग्रहण से लेकर, अधिग्रहित जंगल संपदा के सटीक मूल्यांकन तक में इसका उपयोग किया जाता है.

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