रांची : भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मनाया जा रहा है. इसको लेकर रांची रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को लोहरदगा टोरी एक्सप्रेस ट्रेन की जिम्मेदारी पूर्ण रूप से महिलाओं को दी गयी. ट्रेन की सुरक्षा में तैनात रेलवे पुलिसकर्मी, रेलवे चालक, ट्रेन मैनेजर, टिकट कलेक्टर के साथ ट्रेन में तैनात गुड्स गार्ड्स के रूप में सभी कर्मचारी महिला ही कार्यरत रहीं. रेलवे की सीनियर डीओएम श्रेया सिंह ने लोहरदगा टोरी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
डीओएम श्रेया सिंह ने कहा- महिला दिवस सप्ताह सिर्फ मनाने का अवसर नहीं
डीओएम श्रेया सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह सिर्फ मनाने का अवसर नहीं है, बल्कि इसको धरातल पर लाने की आवश्यकता है. रेलवे प्रशासन की तरफ से शुक्रवार को एक ट्रेन की जिम्मेदारी पूरी तरह से महिलाओं को दी गयी है, जिससे लोगों के बीच में यह संदेश जाए कि महिलाएं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सकती हैं.
पहल इसलिए कि महिलाओं का मनोबल बढ़़े
उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से यह पहल इसलिए किया गया है कि महिलाओं का मनोबल बढ़़े. किसी भी परिस्थिति में महिलाएं अपने आपको मजबूत रख सकें. जब तक महिलाएं मजबूत नहीं होंगी, तब तक समाज आगे नहीं बढ़ेगा.
चालक के रूप में दीपाली अमृत व मैनेजर अनूपलता ने लिया जिम्मा
ट्रेन चालक के रूप में दीपाली अमृत दिखीं, तो ट्रेन की मैनेजर अनूपलता ने पूरे ट्रेन का जिम्मा लिया. वहीं को- पायलट के रूप में गीता कुमारी खलखो ने लोको पायलट को असिस्ट किया. ट्रेन में आरपीएफ के रूप में चंद्रानी विश्वास, कल्पना कुमारी, सरस्वती, पिंकी कच्छप, सरोज तिर्की, पूजा बारला सहित कई सुरक्षाकर्मी मौजूद रहीं.
लोको पायलट दीपाली अमृत ने कहा- गर्व का क्षण
लोको पायलट दीपाली अमृत ने बताया कि आज उन्हें काफी गर्व हो रहा है और रेलवे प्रशासन को वह धन्यवाद देना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल कर समाज में यह संदेश दिया कि आधी आबादी के बगैर देश का विकास नहीं हो सकता है.
वैसे लोगों को संदेश, जो महिलाओं को कमतर समझते हैं
रांची रेलवे अधिकारी निशांत कुमार ने बताया कि इस पहल के माध्यम से वे समाज के वैसे लोगों को संदेश देना चाहते हैं, जो आज भी महिलाओं को घर में बिठाकर रखना चाहते हैं. आज भी सुदूर इलाके के कई ऐसे गांव हैं, जहां यह माना जाता है कि महिलाएं सिर्फ घर का काम कर सकती हैं.
इसलिए रांची लोहरदगा ट्रेन जितने भी ग्रामीण क्षेत्रों से गुजरेगी, उन क्षेत्रों के लोगों को यह बताया जाएगा कि महिलाएं सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि ट्रेन और हवाई जहाज भी चला सकती हैं.