रांची : अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी ) ने फेक एप बनाकर लाखों की ठगी करने वाले चार साइबर अपराधियों को रांची और गिरिडीह से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अपराधियों में गिरिडीह के मोहन साव, हजारीबाग के सपन कुमार सिन्हा और रांची के गोपाल सिंह और अमर प्रताप सिंह शामिल हैं.
25 सिम कार्ड बरामद
इनके पास से 11 मोबाइल फोन, 25 सिम कार्ड, 14 चेक बुक और पासबुक, 19 एटीएम कार्ड, तीन लैपटॉप, 21हजार 550 रुपये रुपये, एक स्वाईप मशीन, एक स्कैनर मशीन और एक राउटर बरामद किया गया है.
केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर फिशिंग यूआरआई का एसएमएस भेजते थे
सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि साईबर अपराधी एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एसबीआई, पीएनबी के खाताधारकों को अपना निशाना बनाते थे. केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर वे ग्राहकों को इंटरनेट बैंकिंग के फेक एंड्रॉयड एप्लीकेशन के जरिये एक फिशिंग यूआरआई का एसएमएस भेजते थे. इसकी जानकारी सीआईडी को मिली थी. सूचना मिलने पर तकनीकी जांच एवं अनुसंधान कर इसमें संलिप्त साईबर अपराधियों को चिन्हित किया गया. इसके बाद सीआईडी की टीम ने कार्रवाई की और इन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया.
अपराधियों की ओर से बैंक ग्राहकों को एसएमएस भेजा था
डीजी ने बताया कि साइबर अपराधियों की ओर से बैंक ग्राहकों को एसएमएस भेजा था. एसएमएस में कहा जाता था कि प्रिय उपयोगकर्ता आपका एचडीएफसी खाता आज निलंबित कर दिया जायेगा. कृपया अपना अपडेट करें. पैन को आधार से लिंक करने के लिए मैसेज को क्लिक करें. इस एसएमएस में दिये गये लिंक पर क्लिक करने पर बैंक के इंटरनेट बैंकिंग का फेक एप्लीकेशन फोन में इंस्टॉल हो जाता है. एप्लीकेशन को खोलकर अपने इंटरनेट बैंकिंग में लॉग इन करने पर साईबर अपराधियों द्वारा इंटेनेट बैंकिंग से संबंधित यूजर आईडी, पासवर्ड आदि डेटा साइबर अपराधी के पास चला जाता है. इसके बाद साइबर अपराधी ठगी कर लेते हैं.
गिरफ्तार साइबर अपराधी फेसबुक पेज बनाकर उसमें एड डालकर भी ठगी करने का काम करते थे
डीजी ने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से बरामद मोबाइल, लैपटॉप में कांड से संबंधित कई डेटा पाये गये हैं. इसका प्रयोग वे ठगी करने के लिए करते थे. डीजी ने बताया कि गिरफ्तार साइबर अपराधी पोर्नोग्राफी, डेटिंग वेबसाइट और फेसबुक पेज बनाकर उसमें एड डालकर भी ठगी करने का काम करते थे. वे इस वेबसाइट और फेसबुक पेज पर लड़के-लड़कियों से डेटिंग तथा एस्कॉर्ट सर्विस के लिए फर्जी मोबाईल नंबर डालते थे. जब लोग दिये गये मोबाईल पर संपर्क करते हैं तो रजिस्ट्रेशन और अन्य एडवास फिस के नाम पर उनसे ठगी कर लेते हैं. गिरफ्तार अपराधियों ने झारखंड के अलावा केरल और मुंबई के लोगों से भी ठगी की है.