Pariksha Pe Charcha

Pariksha Pe Charcha : पीएम मोदी ने दिया मंत्र – फोकस रहने पर खत्म हो जाएगा दबाव  

राष्ट्रीय

Pariksha Pe Charcha : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शुक्रवार को छात्रों को परीक्षा में अधिक से अधिक लाने के दबाव से नहीं दबने का मंत्र देते हुए कहा कि यदि आप फोकस रहते हैं तो उम्मीदों का दबाव समाप्त हो सकता है. उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों पर उम्मीदों का बोझ न डालें और छात्रों से कहा कि वे हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार खुद का मूल्यांकन करें.

तालकटोरा स्टेडियम में प्रदर्शित प्रदर्शनी को भी देखा

परीक्षा पे चर्चा (Pariksha Pe Charcha) के छठे संस्करण में प्रधानमंत्री नयी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बातचीत से पहले कार्यक्रम स्थल पर छात्रों द्वारा प्रदर्शित प्रदर्शनी को भी देखा. सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पहली बार है कि परीक्षा पे चर्चा गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान हो रही है. इससे अन्य राज्यों से दिल्ली आने वालों को भी गणतंत्र दिवस की झलक मिली.

Pariksha Pe Charcha – युवा पीढ़ी के मन में झांकने का मौका

प्रधानमंत्री ने परीक्षा पे चर्चा (Pariksha Pe Charcha) को स्वयं के लिए भी उपयोगी करार देते हुए कहा कि यह उन्हें भारत की युवा पीढ़ी के मन में झांकने का मौका प्रदान करता है. उन्होंने कहा, “ये सवाल मेरे लिए खजाने की तरह हैं.” उन्होंने इशारा किया कि वे इन सभी प्रश्नों का संकलन चाहते हैं जिनका आने वाले वर्षों में सामाजिक वैज्ञानिकों द्वारा विश्लेषण किया जा सकता है. जिससे हमें ऐसे गतिशील समय में युवा छात्रों के दिमाग के बारे में एक विस्तृत थीसीस मिल सके.

परिवार की अपेक्षाएं स्वाभाविक, अपेक्षाएं सोशल स्टेटस के कारण, तो चिंताजनक

खराब अंक आने पर पारिवारिक निराशा के बारे में पूछे गये प्रश्न के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवार की अपेक्षाएं होना स्वाभाविक है और उसमें कुछ गलत भी नहीं है, लेकिन अगर परिवार के लोग अपेक्षाएं सामाजिक स्थिति (सोशल स्टेटस) के कारण कर रहे हैं, तो वो चिंताजनक है. मोदी ने हर सफलता के साथ प्रदर्शन के बढ़ते मानकों और बढ़ती अपेक्षाओं के बारे में भी बात की.

उम्मीदों के जाल में फंसना अच्छा नहीं

पीएम ने कहा कि आसपास की उम्मीदों के जाल में फंसना अच्छा नहीं है और व्यक्ति को अपने भीतर देखना चाहिए और उम्मीद को अपनी क्षमताओं, जरूरतों, इरादों और प्राथमिकताओं से जोड़ना चाहिए. क्रिकेट मैच में दर्शकों की चौका और छक्का लगाने की मांग का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह क्रिकेटर का ध्यान लोगों के चिल्लाने पर नहीं, बल्कि अपने खेल पर फोकस होता है. इसी तरह आप भी दबावों में न रहें.

दबाव से दबें नहीं, एक्टिविटी में फोकस रहना होगा

प्रधानमंत्री ने छात्रों को दबाव के दबाव में नहीं आने की सीख देते हुए कहा कि दबाव से दबें नहीं. उन्होंने कहा कि हम राजनीति में हैं. राजनीति में भी 200 लेने पर अधिक लाने का दबाव होता है. हम कितने भी चुनाव जीत लें, यह उम्मीद की जाती है कि हम कोई चुनाव नहीं हारेंगे, लेकिन हमें अपनी एक्टिविटी में फोकस रहना होगा. दबाव के दबाव में नहीं आना है.

अभिभावकों से आग्रह- बच्चों पर उम्मीदों का बोझ न डालें

प्रधानमंत्री ने क्रिकेट के मैदान पर बल्लेबाज के फोकस और छात्रों के दिमाग के बीच की कड़ी को रेखांकित करते हुए कहा कि अगर आप फोकस्ड रहते हैं तो उम्मीदों का दबाव खत्म हो सकता है. उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों पर उम्मीदों का बोझ न डालें और छात्रों से कहा कि वे हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार खुद का मूल्यांकन करें. हालांकि, उन्होंने छात्रों से कहा कि वे दबावों का विश्लेषण करें और देखें कि क्या वे अपनी क्षमता के साथ न्याय कर रहे हैं. ऐसे में इन उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन को बढ़ावा मिल सकता है.

परीक्षा की तैयारी और समय प्रबंधन पर

परीक्षा के दौरान समय प्रबंधन और तैयारी कहां से शुरू करें और तनावपूर्ण माहौल में भूलने की स्थिति के प्रश्नों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ परीक्षा के लिए ही नहीं, जीवन में टाइम मैनेजमेंट के प्रति हमें जागरूक रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि काम करने से कभी थकान नहीं होती, बल्कि काम नहीं करना इंसान को थका देता है. उन्होंने छात्रों से कहा कि वे अपने द्वारा की जाने वाली विभिन्न चीजों के लिए समय को नोट करें.

मन तरोताजा होने पर कठिन विषय लेना चाहिए

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक सामान्य प्रवृत्ति है कि व्यक्ति अपनी पसंद की चीजों को अधिक समय देता है. उन्होंने कहा कि किसी भी विषय के लिए समय निश्चित करते समय मन तरोताजा होने पर कम से कम रोचक या सबसे कठिन विषय लेना चाहिए. जबर्दस्ती रास्ता निकालने के बजाय छात्रों को आराम की मानसिकता के साथ जटिलताओं से निपटना चाहिए.

माताओं के समय प्रबंधन कौशल का अवलोकन करें छात्र

प्रधानमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या छात्रों ने घर पर अपनी माताओं के समय प्रबंधन कौशल का अवलोकन किया है जो हर काम को समय पर करती हैं. उन्होंने कहा कि वे अपना सारा काम करके भी मुश्किल से थकती हैं और बचे हुए समय में भी कुछ रचनात्मक कार्यों में लग जाती हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी माताओं को देखकर छात्र समय के सूक्ष्म (माइक्रो) प्रबंधन के महत्व को समझ सकते हैं और इस प्रकार प्रत्येक विषय के लिए विशेष घंटे तय कर सकते हैं.

अनुचित साधनों और शार्टकट लेने के सवाल पर प्रसन्न हुए

परीक्षा में अनुचित साधनों से बचने के तरीकों और नकल को खत्म करने के बारे में पूछे गये प्रश्न पर प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि छात्रों ने नकल से निपटने के तरीके खोजने का विषय उठाया है. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे भी छात्र होते हैं जो परीक्षा में नकल करते समय पर्यवेक्षक को मूर्ख बनाने में गर्व महसूस करते हैं. उन्होंने कहा, “यह एक बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति है.” प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों से इस पर विचार करने का आग्रह किया.

नकल के तरीके खोजने और नकल सामग्री तैयार करने में समय बर्बाद करने से बचें

उन्होंने कहा कि कुछ स्कूल या शिक्षक जो ट्यूशन कक्षाएं चलाते हैं, अनुचित साधनों का प्रयास करते हैं ताकि उनके छात्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकें. उन्होंने छात्रों से यह भी कहा कि वे नकल के तरीके खोजने और नकल सामग्री तैयार करने में समय बर्बाद करने से बचें और उस समय को पढ़ाई में व्यतीत करें. मोदी ने कहा, “इस बदलते समय में, जब हमारे आसपास का जीवन बदल रहा है, आपको कदम-कदम पर परीक्षा का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोग केवल कुछ परीक्षाओं को ही पास कर पाते हैं, लेकिन अंततः जीवन में असफल हो जाते हैं. धोखाधड़ी से जीवन सफल नहीं हो सकता.

धोखेबाजों की अस्थायी सफलता से निराश न हों

आप एक या दो परीक्षा पास कर सकते हैं, लेकिन यह जीवन में संदिग्ध बना रहेगा. प्रधानमंत्री ने मेहनती छात्रों से कहा कि वे धोखेबाजों की अस्थायी सफलता से निराश न हों और कहा कि कड़ी मेहनत से उन्हें अपने जीवन में हमेशा लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा, “परीक्षा आती है और चली जाती है, लेकिन जीवन को पूरी तरह से जीना है.” एक रेलवे स्टेशन पर लोगों का उदाहरण देते हुए, जो फुट ओवरब्रिज को पार करने के बजाय रेलवे पटरियों पर रास्ता बनाकर प्लेटफार्मों को पार करते हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि शॉर्टकट आपको कहीं नहीं ले जाएगा और वह आपको छोटा कर देगा.

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