रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन बुधवार को तीन विधेयकों के प्रस्ताव को सदन से स्वीकृति मिली. इनमें झारखंड कारखाना संशोधन विधेयक 2023, झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2023, आरोग्यम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी विधेयक और सीबी रमण ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक शामिल हैं. बहुमत के आधार पर इसे स्वीकृति मिली. इसके बाद स्पीकर ने गुरुवार की सुबह 11 बजे तक के लिए सदन को स्थगित किए जाने की घोषणा की.
अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक प्रवर समिति को भेजें : लंबोदर
इससे ठीक पहले सदन में झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2023 के मसले पर विधायक लंबोदर महतो और विनोद सिंह ने इसे प्रवर समिति के पास भेजने को कहा. लंबोदर महतो का कहना था कि झारखंड अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक को निश्चित तौर पर प्रवर समिति को भेजें.
स्टांप शुल्क में बढ़ोतरी गरीब जनता पर बोझ
इसमें एक छोटा पर महत्वपूर्ण संशोधन जरूरी है. पहले 15 रुपये स्टांप शुल्क लगता था, जिसे अब 30 रुपये किया जा रहा. पूरे राज्य में लगभग 33 हजार अधिवक्ता हैं. इस बढ़ोतरी के जरिये सरकार अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए इसे लाने की बात कह रही है, लेकिन गरीब जनता पर इसका बोझ क्यों. उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों दिल्ली में 25 रुपये, यूपी, पश्चिम बंगाल में 10 रुपये, बिहार में 25 रुपये ही स्टांप शुल्क है.
मुख्यमंत्री ने जो आश्वासन दिए थे, वह पूरा हो
पूर्व में इसी सदन से कोर्ट फीस संशोधन लाया गया था जिसका विरोध हुआ था. लंबोदर के मुताबिक पूर्व में मुख्यमंत्री ने कहा था कोर्ट फीस विधेयक पर संशोधन लाया जायेगा. इस पर काम हो. मुख्यमंत्री ने पांच लाख तक का दुर्घटना बीमा का लाभ वकीलों को देने का आश्वासन दिया था. अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लाने की बात की थी. मुख्यमंत्री ने जो आश्वासन दिए थे, वह पूरा हो.
कोर्ट फीस में संशोधन आधे दर्जन राज्यों में हुआ : विनोद सिंह
विनोद सिंह ने अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक पर कहा कि कोर्ट फीस में संशोधन आधे दर्जन राज्यों में हुआ है लेकिन राज्य सरकार अपनी भूमिका को भी देखे. किसी की मृत्यु हो गयी, दुर्घटना हो गया पर उसके लाभ की गारंटी का पता नहीं है. इसके लिए नियमावली नहीं है. गंभीर बीमारी, एक्सिडेंट जैसे मसले पर नियमावली या व्यवस्था तय हो. पेंशन की भी चिंता हो.
वकीलों की जरूरतें पूरी होनी संदिग्ध
कल्याण का दायरा बढ़ाए राज्य सरकार. अभी जो स्थिति दिख रही है, उससे वकीलों की जरूरतें पूरी होनी संदिग्ध हैं. अन्य राज्यों की तरह प्रावधान देखकर यहां भी बात हो. यदि वकीलों के कल्याण के लिए अतिरिक्त राशि की जरूरत हो तो सरकार देखे. इसी बिंदुओं को देखते इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की बात उन्होंने कही है.
आरोग्यम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी विधेयक को भी प्रवर समिति में भेजने को कहा
दोपहर 2.10 बजे जब सदन शुरू हुआ, तो इसके बाद आरोग्यम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी विधेयक 2023 सदन में पेश किया गया. इस पर लंबोदर महतो ने इसे प्रवर समिति को भेजने को कहा. इसके बाद ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया गया. प्रभारी मंत्री ने बिल की कॉपी में त्रुटियों को ठीक करने की बात कही. इसके अलावा सीबी रमण ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक को भी ध्वनिमत से सदन से पास किया गया.