रामगढ़ की घटना पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को कहा कि लव जिहादियों को झारखंड पुलिस प्रशासन का डर बिल्कुल भी नहीं है. वह बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. साथ ही उन्होंने झारखंड के डीजीपी से आग्रह किया है कि ऐसे गंभीर मामले को संरक्षण देने वाले लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
बाबूलाल ने लिखा- 14 जनवरी को अरमान खान ने ममता की निर्मम हत्या कर दी थी
मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर लिखा है कि झारखंड में लव जिहादियों की हिम्मत काफी बढ़ गयी है. सजा काट के आने के बाद भी उनके अंदर ना तो प्रशासन का डर है और ना ही फिर से पकड़े जाने का डर. उन्होंने कहा कि 14 जनवरी को जब अरमान खान नामक युवक ने लव जिहाद में रामगढ़ की ममता की निर्मम हत्या कर दी थी तब आरजू ने ममता की बहन को जान से मारने की धमकी दी थी.
आरजू जेल से निकल कर फिर दुस्साहस किया
उस मामले में आरजू की गिरफ्तारी हुई और वह जेल गया. जेल से निकल कर उसने फिर एक लड़की पर जबरन दोस्ती करने का दबाव बनाया. आठ अन्य अपराधियों के साथ मिलकर वह उसके घर में घुसा और उसे जान से मारने का प्रयास किया.
प्रकरण में मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधा
बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य में ऐसी वारदातें अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हुई हैं. अभी गिरिडीह का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि रामगढ़ में ऐसा दुस्साहस हुआ है. उन्होंने इस प्रकरण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी कटघरे में खड़ा किया है. साथ ही कहा कि केरला स्टोरी भले एक काल्पनिक फिल्म मात्र लगती हो, लेकिन झारखंड में बड़े पैमाने पर ऐसा षड्यंत्र चल रहा है. इसे रोकने की दिशा में पहल होनी चाहिए.