कृष्णायण अखंड काव्यार्चन लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल

राँची

रांची : साहित्योदय के बैनर तले 29- 30 जुलाई को सम्पन्न 25 घण्टे का ऑनलाइन कृष्णायण अखण्ड काव्यार्चन को लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है. लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने आयोजन के मुख्य संयोजक और साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम को वर्ल्ड रिकॉर्ड का सम्मान दिया है.

प्रियम ने यह सम्मान साहित्योदय परिवार को समर्पित किया

प्रियम ने यह सम्मान राधाकृष्ण और साहित्योदय परिवार के सभी सदस्यों को समर्पित करते हुए आभार प्रकट किया. राधा और कृष्ण के जीवन पर आधारित स्वरचित काव्यपाठ का अखण्ड काव्यार्चन 29 जुलाई को सुबह साढ़े 10 बजे से प्रारम्भ होकर रविवार 30 जुलाई को साढ़े 11 बजे तक लगातार चला था जिसमें दुनियाभर के 300 से अधिक लब्धप्रतिष्ठ कवि, कवयित्री और कलाकारों में अपनी सर्वोत्तम प्रस्तुति दी थी. 

कुल 26 सत्रों को करीब एक दर्जन मॉनिटर और 24 संचालकों ने संभाला

उद्धाटन और समापन सहित कुल 26 सत्रों को करीब एक दर्जन मॉनिटर और 24 संचालकों ने संभाला था. हर सत्र में एक वरिष्ठ साहित्यकार बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे. जिसमें पण्डित अनित्य नारायण मिश्र, सरला शर्मा,  डॉ शोभा त्रिपाठी, प्रोफेसर रामकुमार पाठक, संजीव शर्मा सलिल, विनय श्रीवास्तव इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

कृष्णायण का लोकार्पण अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में होगा

गौरतलब है कि भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर आधारित साझा महाकाव्य कृष्णायण का लोकार्पण वृंदावन में प्रस्तावित श्री बाँके बिहारी अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में होगा, जिसकी सफलता की हेतु 29- 30 जुलाई को कृष्णायण अखण्ड काव्यार्चन किया गया.

श्री कृष्ण के जीवन पर 170 से अधिक रचनाकारों ने अपनी काव्याहूति दी

संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने बताया कि जन रामायण की अपार सफलता के बाद भगवान श्री कृष्ण के सम्पूर्ण जीवन पर 170 से अधिक रचनाकारों ने अपनी काव्याहूति दी है, जिसका भव्य लोकार्पण वृंदावन आयोजन में किया जाएगा. इससे पूर्व 6-7 दिसम्बर 2021 को करीब 30 घण्टे का जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन किया गया था जिसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था.

गत वर्ष जन रामायण साहित्य महोत्सव का किया गया था

गत वर्ष 19-20 नवंबर को अयोध्या में जन रामायण साहित्य महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि सामान्य विषयों पर तो सभी गीत ग़ज़ल लिखते हैं लेकिन साहित्योदय ने भारत की समृद्ध सभ्यता, संस्कृति, राष्ट्रधर्म और वेद-पुराणो पर साहित्यधर्मिता निभाने का कार्य किया है. आज भटकी हुई युवा पीढ़ी और भारत के भविष्य को अपनी पुरातन संस्कृति से जोड़ने, उसपर अध्ययन तथा सृजन कराना साहित्योदय का मुख्य उद्देश्य है.

साहित्योदय 5 वर्षों से अभूतपूर्व कार्य कर रहा

गौरतलब है कि साहित्योदय विगत 5 वर्षों से साहित्य कला और संस्कृति पर अभूतपूर्व कार्य कर रहा है. कोरोना काल को सृजन काल मे परिवर्तित कर साहित्य सृजन को एक नया आयाम देने का काम किया है. अबतक हजारों नवोदित रचनाकारों को वैश्विक मंच प्रदान करने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर और उपेक्षित कलमकारों की उत्कृष्ट रचनाओं का प्रकाशन किया है.

अबतक एक दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका

साहित्योदय प्रकाशन से अबतक एक  दर्जन से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है. अगले 10 वर्षो में साहित्योदय की कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य चल रहा है. आयोजन को सफल बनाने गणेश दत्त, नंदिता माजी शर्मा, प्रिया शुक्ला, किशोरी भूषण, सीमा सिन्हा मैत्री, डॉ रजनी शर्मा, अनामिका गुप्ता, भारती यादव, मनोज बरनवाल सहित पूरा साहित्योदय परिवार लगा रहा.

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