झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन स्थायी समिति की बैठक, प्रस्तावों की प्रतिलिपि राष्ट्रीय अध्यक्ष को दी गयी

राँची

रांची : झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन की स्थायी समिति की द्वितीय बैठक मारवाड़ी भवन रांची में संपन्न हुई. बैठक में इन प्रस्तावों को आधिकारिक तौर पर सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान करके राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अधिवेशन में भेजने हेतु प्रांतीय अध्यक्ष एवं महामंत्री को अधिकृत किया गया.

प्रांतीय अध्यक्ष व महामंत्री ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रस्तावों की प्रतिलिपि दी

तदुपरांत प्रांतीय अध्यक्ष बसंत कुमार मित्तल एवं महामंत्री रवि शंकर शर्मा द्वारा इन प्रस्तावों की प्रतिलिपि राष्ट्रीय अध्यक्ष को उनके आवास पर जाकर प्रदान की गयी ताकि इन्हें ससमय राष्ट्रीय अधिवेशन में एवं विषय निर्वाचनी समिति में नियमानुसार प्रस्तुत किया जा सके.

सम्मेलन के 90 वर्ष पूरे होने के कारण विशेष दायित्व

अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के वर्तमान कार्यकाल में सम्मेलन के 90 वर्ष पूरे होने के कारण इस सत्र के पदाधिकारियों पर विशेष ऐतिहासिक दायित्व है. इसलिए अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के 27वें राष्ट्रीय अधिवेशन एवं विषय निर्वाचनी समिति में विचार एवं संविधान संशोधन हेतु झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये.

निम्नांकित प्रस्ताव प्रस्तुत हैं-

 1. सम्मेलन के भवन हेतु आम्र्सहाट स्ट्रीट में दस कट्ठा भूमि उपलब्ध है. भूमि पूजन भी हो चुका है. दान दाता भी तैयार हैं. इस पर भवन निर्माण करके सम्मेलन के 90 वर्ष पूर्ण होने तक यह कार्य संपन्न करने की पूर्ण योजना बनाना आवश्यक है. इसका नामकरण ‘सीताराम रूंगटा अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन भवन‘ होगा.

2. आजीवन सदस्यता एवं संरक्षक सदस्यता शुल्क का 30 प्रतिशत राष्ट्रीय कार्यालय को जाता है. जबकि प्रांतों की मांग है इसे 10 प्रतिशत किया जाए. विशिष्ट संरक्षक सदस्य से प्राप्त राशि का 50 प्रतिशत प्रांतों को दिया जाएगा.

3. वर्तमान कार्यकाल में सम्मेलन के 90 वर्ष पूर्ण होंगे. सम्मेलन की सदस्यता संख्या अब तक मात्र 30 हजार है. इसे बढ़ाकर एक लाख करने हेतु विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए छह माह का स्पेशल ड्राइव चलाते हुए राष्ट्रीय कार्यालय सदस्यता शुल्क की अपनी पूरी राशि माफ कर देगा तथा प्रांतों को भी अपना निर्णय लेने की स्वतंत्रता देकर एक लाख सदस्य का लक्ष्य हासिल करने का अवसर होगा.

4. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षों एवं मार्गदर्शकों का सम्मान निरंतर कायम रखने की दिशा में समुचित कार्ययोजना बनायी जाएगी.

5. वर्तमान में प्रत्येक 25 आजीवन सदस्य पर राष्ट्रीय सभा में एक सदस्य का प्रतिनिधित्व मिलता है. इसकी अधिकतम सीमा 35 रखी गयी है. इससे सदस्यता विस्तार को बढ़ावा नहीं मिलता. इस सीमा को खत्म किया जाता है. सभी आजीवन सदस्यों को राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में मताधिकार प्राप्त होगा.

6. राष्ट्रीय कार्यालय के व्यवस्थापक गण एवं संचालक गण के द्वारा प्रांतीय पदाधिकारियों की अनदेखी और असम्मान के समस्त मामलों को राष्ट्रीय नेतृत्व सर्वाधिक प्राथमिकता प्रदान करते हुए तत्काल समुचित कार्रवाई करके प्रांतीय नेतृत्व के सम्मान की रक्षा करेगा.

7. झारखंड प्रांत ने ‘आदर्श आचार संहिता‘ लागू की है. उसे रायपुर में दिनांक 18.12.22 को आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पारित भी किया गया था. उसे राष्ट्रीय स्तर पर अंगीकार और लागू करने का निर्णय लिया जाता है.

8. जिन प्रांतों में अब तक प्रांतीय कार्यालय नहीं हैं, वहां इसका प्रबंध करने की दिशा में राष्ट्रीय सम्मेलन द्वारा समुचित सहयोग प्रदान किया जाएगा.

9.अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन में समाज की सभी आनुषांगिक इकाइयों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा. जैसे- अग्रवाल, माहेश्वरी, खंडेलवाल, जैन, ब्राम्हण, ओसवाल इत्यादि. साथ ही, राजस्थान, हरियाणा, मालवा प्रदेश के समस्त बंधुओं का प्रतिनिधित्व होने पर ही राष्ट्रीय सम्मेलन में पूर्ण प्रतिनिधित्व होगा. सभी समाज के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय नेतृत्व के साथ सामंजस्य स्थापित करके सम्मेलन को एक वृहत मंच के बतौर महाशक्ति बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे.

10. राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची बनाते समय समाज की सभी आनुषांगिक इकाइयों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा. जैसे- अग्रवाल, माहेश्वरी, खंडेलवाल, जैन, ब्राम्हण, ओसवाल इत्यादि.

11. देश के जिन प्रांतों में अब तक सम्मेलन की शाखा नहीं है, वहां शाखा विस्तार की पूरी कार्ययोजना बनायी जाएगी.

12. सभी प्रांतीय शाखाओं को समुचित सुविधाएं दी जाएंगी. राष्ट्रीय सम्मेलन की बैठकें जिन प्रांतों में होती है, उन्हें इसकी व्यवस्था में समुचित सहयोग प्रदान किया जाएगा.

13. राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव में प्रांतों से स्वीकृति पत्र में प्रांतीय अध्यक्ष के साथ प्रांतीय महामंत्री के हस्ताक्षर भी हों तथा प्रांतीय स्थायी समिति द्वारा पारित प्रस्ताव ही चुनाव समिति के चेयरमैन के पास भेजा जाएगा.

14. किसी भी प्रांत में प्रांतीय इकाई की स्थापना हेतु न्यूनतम पांच शाखा, 100 आजीवन सदस्य एवं 5 विशिष्ट संरक्षक सदस्य होंगे. फिर आमसभा के माध्यम से सर्वसम्मति से प्रांतीय पदाधिकारियों का चयन होगा. राष्ट्रीय पदाधिकारियों की उपस्थिति में पदभार ग्रहण एवं शपथग्रहण समारोह होगा.

15. राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं कार्यसमिति गठन के समय हरेक प्रांतीय अध्यक्ष की सहमति से ही उस प्रांत से किसी भी पदाधिकारी का मनोनयन किया जाएगा.

16. राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव हेतु प्रत्याशी की पात्रता न्यूनतम आयु 50 साल होनी चाहिए. उसका प्रांतीय अध्यक्ष के बतौर कार्यकाल का अनुभव होना चाहिए. अथवा राष्ट्रीय पदाधिकारी के बतौर तीन सत्र कार्य का अनुभव हो.

17. समाज विकास पत्रिका का नियमित प्रकाशन करते हुए सभी सदस्यों को निशुल्क भेजना सुनिश्चित किया जाएगा.

उक्त जानकारी झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के प्रवक्ता संजय सर्राफ ने दी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *