रांची : झारखंड हाई कोर्ट में पलामू, गढ़वा और लातेहार में अवैध माइनिंग से संबंधित मामले को लेकर पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में मंगलवार को सुनवाई हुई.
तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्देश
झारखंड हाई कोर्ट की खंडपीठ ने मामले में आईजी रैंक के अधिकारी समेत माइनिंग विभाग के दो सीनियर अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी बनाने का निर्देश दिया है. इन दो सीनियर अधिकारियों को जियोलॉजी और माइनिंग की जानकारी होना जरूरी है.
गृह सचिव गठित करेंगे तीन सदस्यों वाली कमेटी
गृह सचिव इन तीन सदस्यों वाली कमेटी को गठित करेंगे. इस कमेटी को लातेहार, गढ़वा और पलामू के डीसी जांच में सहयोग करेंगे. कमेटी तीनों जिलों में अवैध माइनिंग की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की है.
अवैध माइनिंग पर अंकुश लगाने की जरूरत
कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि झारखंड में राजस्व का प्रमुख सोर्स माइनिंग है, इसके बाद भी यहां अवैध माइनिंग हो रही है. इस पर अंकुश लगाने की जरूरत है.
आईआईटी भवन चालू करने के मामले में सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को राज्य के जिलों एवं कुछ प्रखंड मुख्यालयों में बने आईआईटी भवन के चालू हालत में नहीं होने से संबंधित डॉ. भीम प्रभाकर की जनहित याचिका पर सुनवाई की.
स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश
कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आईटीआई संस्थान कब तक शुरू कर दिया जाएगा और और यहां कब तक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद सिंह ने पैरवी की.
राज्य सरकार ने बताया था- रूल फ्रेम कर दिया गया है
पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि आईटीआई भवन में इंस्ट्रक्टर की नियुक्ति के लिए रूल फ्रेम कर दिया गया है. वर्ष 2008 से वर्ष 2010 के बीच राज्य के जिलों एवं कुछ प्रखंड मुख्यालय में श्रम नियोजन, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से आईटीआई भवन बनाए गए थे.
आधारभूत संरचना की भी खरीद हो चुकी
इन भवनों में आधारभूत संरचना यथा टेबल, कुर्सी, पंखा, स्टेशनरी आदि की भी खरीद कर ली गयी है, लेकिन यह वर्षों से यूं ही पड़ा हुआ है और खराब हो रहा है. निर्मित आईटीआई भवनों के चालू हालत में नहीं रहने से यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो गया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि जल्द से जल्द इन आईटीआई भवनों को चालू किया जाए और वहां शिक्षकों की बहाली की जाए.