रांची : रिम्स में हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की हुई मौत मामले में झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को जांच कमेटी को लेकर अबतक प्रपोजल नहीं भेजने पर राज्य सरकार से नाराजगी जतायी. कोर्ट ने मौखिक कहा कि अगर प्रपोजल नहीं भेजा गया, तो राज्य सरकार के विरुद्ध अगली सुनवाई में कड़ा आदेश पारित किया जाएगा.
प्रपोजल भेजने के लिए एक सप्ताह समय मांगी थी
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कमेटी के गठन के लिए प्रपोजल चीफ जस्टिस के पास भेजने के लिए एक सप्ताह के समय की मांग की गयी थी, जिससे जिला जज का नाम प्रस्तावित किया जा सके. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 18 मई निर्धारित की है.
पिछली सुनवाई में मामले की जांच कराने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने रिटायर्ड प्रधान जिला जज अध्यक्षता में कमेटी गठित कर मामले की जांच कराने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था. याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता मुख्तार खान ने 28 मरीजों की हुई मौत मामले को लेकर कमेटी बनाकर जांच करने एवं इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन लेने आग्रह कोर्ट से किया था. झारखंड छात्र संघ की ओर से यह जनहित याचिका दाखिल की गयी है.
याचिका में कहा गया गलत ट्रीटमेंट की वजह से पेशेंट का डेथ हुआ था
याचिका में कहा गया है कि 01 जून, 2018 को एक पेशेंट का डेथ गलत ट्रीटमेंट की वजह से रिम्स में हो गया था. इसके बाद मृतक के परिजनों ने प्रोटेस्ट किया था, जिसके बाद जूनियर डॉक्टर और मृतक के परिजनों के बीच झड़प हुई थी, जिसे लेकर रिम्स में 02 जून, 2018 से जूनियर डॉक्टरों एवं नर्सों ने स्ट्राइक कर दिया था.
रिम्स में संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी
स्ट्राइक के दौरान रिम्स में संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. इस दौरान करीब 35 मरीजों का ऑपरेशन टल गया था. 600 से ज्यादा मरीज रिम्स से बगैर इलाज के वापस लौट गए थे. इलाज के बिना 28 मरीजों की भी मौत भी हुई थी.