रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से संचालित योजनाओं की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करते हुए अधिकारियों को कई निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और प्लस-टू विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करें, ताकि विद्यालयों का संचालन बेहतर तरीके से हो.
बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध
राज्य के बच्चों को बेहतर और गुणवत्ता युक्त शिक्षा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. इस सिलसिले में सरकारी विद्यालयों की मजबूत किया जा रहा है. विद्यालयों में आधारभूत संरचना और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ पठन-पाठन की नवीनतम एवं आधुनिक तकनीक से संबंधित संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
सचिव ने बताया- नियुक्ति के लिए जेएसएससी ने अधियाचना जारी कर दी
विभाग के सचिव के रवि कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्लस-टू विद्यालयों में प्रधानाचार्य, शिक्षक और प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी ने अधियाचना जारी कर दी गयी है. माध्यमिक विद्यालयों, मॉडल स्कूलों और अन्य श्रेणियों के विद्यालयों के लिए भी शिक्षक एवं प्रयोगशाला सहायक के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. सहायक आचार्य के 26 हजार पदों पर बहाली की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी.
विद्यालयों में खेल- संगीत जैसी एक्टिविटीज भी चलें
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के ओवरऑल डेवलपमेंट के लिए विद्यालयों में पठन-पाठन के अलावा खेल- संगीत जैसी एक्टिविटीज निरंतर चलनी चाहिए. बच्चों के बीच तरह -तरह की प्रतियोगिताएं हों, ताकि वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ने का बेहतर माहौल मिले, इसके लिए जिलों में रीडिंग रूम की व्यवस्था सुनिश्चित करें. यहां सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ वाईफाई की भी व्यवस्था होनी चाहिए.
विद्यार्थियों को सामग्री और यूनिफॉर्म उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को पठन-पाठन से संबंधित सामग्री और यूनिफॉर्म सत्र शुरू होने के समय ही उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. राज्य में सभी सरकारी विद्यालयों का फिजिकल मैपिंग कराएं. जो भी विद्यालय भवन जर्जर हों, उसकी मरम्मत कराई जाए और इसमें गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जाए.
तीन वर्ष पर विद्यालयों का मेंटेनेंस होना चाहिए
इसके साथ हर तीन वर्ष पर विद्यालयों का मेंटेनेंस होना चाहिए. सरकार ने जिस मकसद से स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल स्कूल खोले हैं, उसका सार्थक परिणाम सामने आना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि समय-समय पर इन विद्यालयों का निरीक्षण कर यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लें.
बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रवि कुमार, निदेशक, झारखंड शिक्षा परियोजना किरण कुमारी पासी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा सुनील कुमार, निदेशक, प्राथमिक शिक्षा नेहा अरोड़ा और अपर सचिव कुमुद सहाय मौजूद थे.