रांची हिंसा मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

राँची

रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने रांची में नुपुर शर्मा के बयान पर 10 जून को हुई हिंसा के मामले में राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट टेबुलर रूप में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की.

पुलिस ने कार्रवाई करते हुए घटना को बड़ी हिंसा में परिवर्तित होने से रोक दिया था

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि मेन रोड हिंसा में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस घटना को बड़ी हिंसा में परिवर्तित होने से रोक दिया था. पुलिस ने पहले हिंसक भीड़ पर लाठीचार्ज किया. इसके बाद आंसू गैस का उपयोग किया. जब हिंसा फैलाने वालों ने पथराव और फायरिंग शुरू की तो मजिस्ट्रेट के आदेश से पुलिस ने कंट्रोल्ड फायरिंग शुरू की, जिससे भीड़ तितर-बितर हो गई थी.

घटना को लेकर पुलिस ने 47 एफआईआर दर्ज किया

घटना को लेकर पुलिस ने 47 एफआईआर दर्ज किया. इनमें से कई केस में चार्जशीट दाखिल हो गई है और कुछ केस में अभी पेंडिंग है. इसमें से एक एफआईआर में पुलिस पर फायरिंग का आरोप है उसे सीआईडी जांच के लिए भेजा गया था. सीआईडी जांच में भी हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है और अनुसंधान चल रहा है. घटना को लेकर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज का भी अध्ययन करते हुए अन्य आरोपितों को चिन्हित किया है, जिनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है.

एनआईए सिर्फ शेड्यूल ऑफेंस होने पर ही अनुसंधान करती है

दूसरी ओर घटना को लेकर फेसबुक, गूगल मैप और सोशल मीडिया से भी डाटा प्राप्त करने की कोशिश हो रही है और उपलब्ध डाटा को खंगाल जा रहा है. अनुसंधान सही तरीके से की जा रही है. इसलिए इसमें भी किसी दूसरी एजेंसी के हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं है. एनआईए के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एनआईए सिर्फ शेड्यूल ऑफेंस होने पर ही अनुसंधान करती है लेकिन इस घटना में अभी तक अनुसंधान में ऐसी बात नहीं आई है.

अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी

कोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता एवं प्रतिवादियों को अगली सुनवाई में संक्षिप्त बहस दायर करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी, उस दिन कोर्ट अपना आदेश सुनाएगी. रांची हिंसा मामले में दायर पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारूकी समेत रांची उपायुक्त, एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआईए, ईडी को प्रतिवादी बनाया है.

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