रांची : माननीय झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यपालक अध्यक्ष के निर्देश पर व्यववहार न्यायालय, रांची में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन किया गया. उदघाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में न्यायायुक्त, अरुण कुमार राय, प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, ऋषिकेश कुमार, पी.ओ.,एम.ए.सी.टी., मनीष, सचिव, डालसा, राकेश रंजन, अध्यक्ष, आर.डी.बी.ए, रांची, शंभू प्रसाद अग्रवाल, सचिव, आर.डी.बी.ए, रांची, संजय कुमार विद्रोही, न्यायिक पदाधिकारी, मध्यस्थ, पैनल अधिवक्ता, पीएलवी एवं अन्य लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे. मंचासीन सभी गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा दीप जला कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. स्वागत भाषण एवं मंच का संचालन डालसा सचिव राकेश रंजन ने किया.
न्यायिक दण्डाधिकारियों के 23 व कार्यपालक दंडाधिकारियों के लिए 19 बेंच का गठन
राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए न्यायिक दण्डाधिकारियों के लिए 23 बेंच एवं कार्यपालक दण्डाधिकारियों के लिए 19 बेंच का गठन किया गया था. आज आयोजित होनेवाले राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 76 हजार से अधिक वादों का निष्पादन किया गया एवं 64 करोड़ से अधिक रुपयों की समझौता राशि की वसूली विभिन्न वादों में किया गया, जिसमें प्रीलिटिगेशन एवं लिटिगेशन के वादों का निष्पादन सम्मिलित है.
11 पीड़ितों के बीच 46 लाख रुपए का वितरण
राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर 11 पीड़ितों के बीच 46 लाख रुपए का वितरण झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम के तहत किया गया एवं वाहन दुर्घटना अधिनियम के तहत, 80 लाख रुपये का चेक श्री मनीष के द्वारा पीड़ित के परिजन को दिया गया. डालसा सचिव ने पीड़ितों से पीड़ित मुआवजा राशि का सही इस्तेमाल करने को कहा ताकि उनके बच्चों का भविष्य सुधर सके.
डालसा ने कुशाग्र कमल को दिया पांच लाख का मुआवजा
डालसा की ओर से मृतका पायल खत्री के पुत्र कुशाग्र कुशल को पांच लाख रुपया बतौर मुआवजा दिया. गौरतलब है कि प्रेम कुमार खत्री की बेटी की शादी रवींद्र कुमार से हुई थी. विवाह के एक वर्ष बाद 2008 में कुशाग्र का जन्म हुआ था. पायल के विवाह के बाद से ही ससुरालवाले प्रताड़ित कर रहे थे. रुपयों की मांग की जा रही थी. वर्ष 2009 के जनवरी में आरोपियों ने साजिश रच पायल को आग के हवाले कर दिया. इससे पायल गंभीर रूप से जख्मी हो गयी थी. अंतत: इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गयी थी.