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गुरु पूर्णिमा 2025: 10 जुलाई को बन रहे दुर्लभ योग, गुरु पूजन और स्नान-दान का शुभ महापर्व

गुरुवार को मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा, अगले दिन से सावन की शुरुआत | जानिए शुभ मुहूर्त, योग और धार्मिक महत्व

रांची, 9 जुलाई। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला गुरु पूर्णिमा इस वर्ष 10 जुलाई 2025, गुरुवार को आ रहा है। इस बार ग्रह-नक्षत्रों के दुर्लभ संयोग और गुरुवार को गुरु पूर्णिमा पड़ने के कारण इस पर्व का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व और भी अधिक बढ़ गया है।

🌕 गुरु पूर्णिमा पर बन रहा दुर्लभ योग

चतरा के आचार्य चेतन पांडेय के अनुसार, इस बार गुरु पूर्णिमा पर चंद्रमा गुरु की राशि धनु में दिनभर गोचर करेंगे। साथ ही, बृहस्पति (गुरु ग्रह) का नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा भी 10 जुलाई को सुबह 5:16 बजे से पूरे दिन तक प्रभावी रहेगा। यह संयोग अत्यंत शुभ और दुर्लभ माना जाता है।

🔱 गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन मास की शुरुआत

गुरु पूर्णिमा के ठीक अगले दिन यानी 11 जुलाई शुक्रवार से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है, जो भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।


📿 गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

गुरु पूर्णिमा का पर्व आध्यात्मिक ज्ञान, उपासना, कला, विज्ञान और जीवन मूल्यों की शिक्षा देने वाले गुरुओं के सम्मान का दिन है। शास्त्रों के अनुसार:

  • इस दिन गुरु को साक्षात ब्रह्म मानकर पूजा की जाती है।
  • श्रद्धालु गुरु को विधिपूर्वक नमन् व सम्मान अर्पित करते हैं।
  • कई लोग गुरु दीक्षा भी लेते हैं, जो जीवन को नई दिशा देता है।
  • ऐसा माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा पर ली गई दीक्षा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।

🕉️ गुरु पूर्णिमा 2025 के शुभ योग और पूजन विधि

  • तिथि: 10 जुलाई 2025, गुरुवार
  • पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 09 जुलाई को रात 11:52 बजे
  • पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 जुलाई को रात 02:11 बजे
  • शुभ योग: गुरु-पुष्य योग, चंद्र-गुरु संयोग, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में बृहस्पति का प्रभाव
  • उपयुक्त कार्य: गुरु पूजन, व्रत, स्नान-दान, दीक्षा ग्रहण, धार्मिक अनुष्ठान, वेद पाठ

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