नई दिल्ली : देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडाणी एक बार फिर दुनिया के टॉप 15 धनी लोगों की सूची में शामिल हो गए हैं. अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण जबरदस्त झटका झेलने वाले गौतम अडाणी की संपत्ति एक बार फिर 86.02 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गई है. इस तरह अडाणी अब दुनिया के सबसे रईस व्यक्तियों की सूची में 14वें स्थान पर काबिज हो गए हैं. टोटल नेटवर्थ के मामले में अडाणी देश के सबसे धनी उद्योगपति मुकेश अंबानी से सिर्फ 6.2 अरब डॉलर पीछे हैं. मुकेश अंबानी फिलहाल 92.4 अरब डॉलर के टोटल नेटवर्थ के साथ दुनिया के सबसे रईस लोगों की सूची में 13वें स्थान पर हैं.
ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स की गुरुवार की रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडाणी का टोटल नेटवर्थ पिछले कारोबारी दिन बुधवार को 3.71 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 86.02 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है. हालांकि हिंडनबर्ग रिसर्च की विवादित रिपोर्ट आने के पहले गौतम अडाणी 120.5 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ दुनिया के टॉप 5 रइसों की सूची में शामिल हो गए थे, लेकिन हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी ग्रुप पर ओवर प्राइसिंग करने और अकाउंटिंग में हेरा फेरी करने का आरोप लगाए जाने के बाद ग्रुप की कंपनियां के शेयरों को तगड़ा झटका लगा था. इसके कारण गौतम अडाणी का टोटल नेटवर्थ जोरदार गिरावट के साथ 60 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया था, लेकिन जैसे-जैसे हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में एकतरफा तरीके से अडाणी ग्रुप के खिलाफ दिए गए तथ्यों का खुलासा होता गया, वैसे-वैसे अडाणी ग्रुप की स्थिति में भी सुधार होता गया.
अडाणी ग्रुप के शेयरों में 24 नवंबर के बाद से ही तेजी का रुख बना हुआ
उल्लेखनीय है कि अडाणी ग्रुप के शेयरों में खासतौर पर 24 नवंबर के बाद से ही तेजी का रुख बना हुआ है. 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग के आरोपों से संबंधित मुकदमे पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और टिप्पणी की थी कि आंख मूंद कर किसी भी आरोप को सही नहीं माना जा सकता है. इसके कुछ दिन बाद अमेरिकी एजेंसी इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन ने भी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों को अप्रासंगिक बताया था. इसके साथ ही एजेंसी की रिपोर्ट में हिंडनबर्ग की मंशा पर भी संदेह व्यक्त किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के रवैए और अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट से अडाणी ग्रुप के शेयरों को काफी बल मिला था. इसके बाद 3 दिसंबर को पांच राज्यों की विधानसभा के लिए हुए चुनाव में से तीन राज्यों में भाजपा की शानदार जीत ने भी अडाणी के पक्ष में माहौल बना दिया. इसके कारण ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल आ गया.