देवघर में बोल बम के जयकारे गूंजने लगे हैं. आज से सावन मास की शुरुआत हुई है. भक्तों का उत्साह नजर आने लगा है. यहां कांवरियों की भीड़ दिखने लगी है. सुल्तानगंज में पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा तट पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया. बाबा अजगैवीनाथ मंदिर में भी हजारों श्रद्धालुओं ने जलार्पण किया.
कई प्रदेश के कांवरिया जल उठाने सुल्तानगंज पहुंचे
कई प्रदेश के कांवरिया गंगा जल लेकर बाबाधाम जाने के लिए सुल्तानगंज पहुंचे हैं. केसरिया वस्त्र धारी शिव भक्तों और बोल बम के जयकारे से सुल्तानगंज का माहौल पूरी तरह बोल बम के रंग में रंग गया है. लगभग एक लाख कांवरिया ने गंगा जल लेकर बाबाधाम को प्रस्थान किया.
प्रशासन ने कांवरियों के लिए इंतजाम किये
कांवरियों के स्वागत के लिए हर जगह अस्थायी दुकान खुल चुकी हैं. जिला प्रशासन ने कांवरियों की सुख- सुविधा के लिए कई इंतजाम किये हैं. हालांकि, आनन-फानन की व्यवस्था से ही कांवरियों को संतुष्ट रहना पड़ेगा. प्रशासन ने हर साल की तरह इस साल भी शौचालय, पेयजल, रोशनी, सफाई, ठहराव, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि की व्यवस्था की है. अजगैवीनाथ मंदिर सज-धज कर तैयार है. कांवरियों का जत्था आना शुरू हो चुका है.
पूजा- अर्चना कर बाबाधाम पैदल यात्रा पर निकले
गंगा घाट पर नेपाल, दार्जिलिंग, बंगाल, आसाम सहित बिहार-झारखंड के कांवरिया का जत्था सुल्तानगंज पहुंचा. सभी कांवरिया गंगा में डुबकी लगाने के बाद पूजा- अर्चना कर बाबाधाम पैदल यात्रा पर निकले. अजगैवीनाथ मंदिर घाट पर कांवरिया को जल भरने में परेशानी हुई. कांवरियों ने बताया कि पक्की घाट पर व्यवस्था थोड़ी अच्छी है. अजगैवीनाथ मंदिर घाट कच्चा घाट है. यहां गंगा स्नान में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. घाट पर फिसलन है. जल लेकर गंगा से बाहर निकलना मुश्किल है.
श्रावणी मेला में सेल्फी का क्रेज
श्रावणी मेला के दौरान आने वाले कांवरिया में सेल्फी का क्रेज बढ़ रहा है. हर दिन दूर- दूर से पहुंचे कांवरिया गंगा तट व जल भरने के बाद मोबाइल से सेल्फी ले रहे हैं. गुजरात के कांवरिया मनोहर पासवान ने बताया कि सेल्फी एक यादगार के लिए लिया जाता है.
31 अगस्त तक अरघा के माध्यम से होगा जलाभिषेक
चार जुलाई से 31 अगस्त तक श्रद्धालु अरघा के माध्यम से बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करेंगे. स्पर्श पूजा बंद होगी. 31 अगस्त को अरघा हटाने के बाद स्पर्श पूजा फिर से शुरू होगी. 19 वर्षों के बाद मलमास के कारण इस बार श्रावणी मेला दो माह का है. आठ सोमवारी का अद्भुत संयोग भी है. श्रावणी मेला के बीच में ही मलमास मेला का शुभारंभ होगा.
दो पक्ष में सावन- पहला पक्ष चार जुलाई से 16 जुलाई तक
सावन महीना का पहला पक्ष चार जुलाई से 16 जुलाई और दूसरा पक्ष 17 अगस्त से 31 अगस्त तक होगा. मलमास मेले में उत्तर-प्रदेश और मध्य प्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक रहती है. यूपी के कांवरिए संगम घाट से जल लाकर लाकर बाबा को चढ़ाते हैं. इसलिए पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दोगुना श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. कांवरियों की भीड़ को देखते हुए पंडा धर्मरक्षिणी सभा ने मलमास मेले में अरघा नहीं लगाने की मांग की है.
- शीघ्रदर्शनम् का सिस्टम बदला, महिलाओं की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए बने फीडिंग रूम, श्रावणी मेले में शीघ्र दर्शनम् पास 250 की जगह 500 रुपये में मिलेगा. रविवार और सोमवार को व्यवस्था बंद रहेगी. अब शीघ्रदर्शनम कूपन के लिए पुरोहितों द्वारा बार- बार फॉर्म भरने की झंझट खत्म कर दी गयी है.
- -बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के निकास दरवाजे के समीप अरघा लगाया जाएगा. इसमें वे अपना बाबा पर अर्पित होते हुए स्क्रीन में देख सकेंगे.
- कतार में लगने वाले कांवरियों को अगर स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां होगी, तो उनके लिए इसीजी की व्यवस्था की है. नेहरू पार्क, क्यू कॉम्प्लेक्स व बाबा मंदिर ट्रामा सेंटर में डिजिटल ईसीजी मशीन उपलब्ध रहेगी. ईसीजी की रिपोर्ट ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के मोबाइल में आ जाएगी, इसके बाद डॉक्टर की सलाह पर इलाज की व्यवस्था होगी
- कतार में खड़े कांवरियों को उमस भरी गर्मी से बचाव के लिए नेहरू पार्क से लेकर मंदिर के संस्कार मंडप तक मिस्ट कूलिंग सिस्टम की व्यवस्था रहेगी. इससे पानी का फव्वारा नहीं, बल्कि फॉग निकलेगा, जो पूरे माहौल को ठंडा कर देगा.