केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के देवघर की विजय संकल्प रैली के जरिए संथाल परगना की तीनों लोकसभा सीटों गोड्डा, दुमका और राजमहल के लिए चुनावी बिगुल फूंक दिया है. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को भ्रष्ट सरकार बताते हुए उखाड़ फेंकने की अपील भाजपा के कद्दावर नेता ने की, हालांकि इसका कितना असर वहां की जनता पर पड़ता है, ये देखने वाली बात होगी. आगामी लोकसभा चुनाव में सभी 14 सीटें भाजपा की झोली में डालने की गुजारिश भाजपा नेता शाह ने की है. लोकसभा चुनाव में इस अपील का क्या असर होता है ये तो देखने वाली बात होगी लेकिन यदि संथाल परगना की सीटों को अपने पाले में करना है तो आपको संथालियों के दिल में उतरना पड़ेगा. इसके लिए संथाली भाषा का प्रयोग आपको करना होगा.

क्या कहते हैं जानकार
झारखंड खासकर संथाल परगना पर गहरी पकड़ रखने वाले जानकार बताते हैं कि संथाल आदिवासी बहुतायत में इस इलाके में रहते हैं. ये बहुत ही सीधे-साधे लोग होते हैं और यदि झारखंड में अपनी पकड़ बनानी है तो आपको संथाली भाषा में उनके बीच अपनी बात रखनी होगी. जानकार बताते हैं कि जब सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस इलाके में दौरे पर जाते हैं तो वे यहां के लोगों को संथाली भाषा में ही संबोधित करते हैं. ऐसा इसलिए कि यदि आप जनता के बीच पकड़ रखना चाहते हैं तो जनता के साथ उन्हीं की भाषा में संवाद स्थापित करने की जरूरत है. दिशोम गुरु यानी शिबू सोरेन भी इस क्षेत्र में संथाली भाषा में ही संवाद करते हैं ताकि लोगों के बीच पकड़ बनी रहे.

अमित शाह दूसरी बार पहुंचे देवघर
यहां चर्चा कर दें कि देश के गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को दूसरी बार बाबा मंदिर पहुंचे. पहली बार 14 दिसंबर 2019 में विधानसभा के चुनावी सभा के दौरान वे देवघर आये थे, उस समय भी बाबा मंदिर में पूजा अर्चना की थी, लेकिन इस बार वो धर्मपत्नी सोनल बेन के साथ झारखंड के दौरे पर पहुंचे. कड़ी सुरक्षा घेरे में वे बाबा मंदिर वीआईपी गेट पर ठीक 12:15 बजे पहुंचे. यहां पंडा धर्म रक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर एवं डीसी सह मंदिर प्रशासक मंजूनाथ भजंत्री ने उनका स्वागत किया.