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Ranchi : जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्म कॉलम की मांग को लेकर दिल्ली में राष्ट्रीय आदिवासी समन्वय समिति भारत सदस्यों ने धरना प्रदर्शन किया गया. इसमें विभिन्न राज्यों से सैकड़ों आदिवासी धार्मिक अगुवा और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. इस प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री देव कुमार धान ने कहा कि आदिवासी अपने हक, अधिकार और पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आदिवासी धर्म कॉलम की मांग अब देशभर में उठने लगी है और इसके लिए आदिवासी युवा एकजुट हो रहे हैं. धर्म कॉलम न होने के कारण आदिवासियों की पहचान हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध के रूप में की जा रही है. आदिवासियों का अलग धर्म कॉलम न होने के कारण तेजी से धर्मातरण हो रहा है, जिसके कारण उनकी जनसंख्या घट रही है. इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से जल्द से जल्द जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों के लिए अलग धर्म कॉलम देने की मांग हमने की है.
युवा पीढ़ी केंद्र सरकार से आदिवासी धर्म कॉलम की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रही है. इसके कारण ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, असम समेत अन्य राज्यों के आदिवासी संगठन भी यह मांग कर रहे हैं.
इस प्रदर्शन में 9 राज्यों के आदिवासी प्रतिनिधि कंधर्व राज सिद्धार्थ, भुवन सिंह कोराम, निपोन चूतिप्पा, विनोद नागवंशी, जनार्दन कोड़ा, अल्मा एक्का, निशा भगत, बुधवा उरांव, शकुंतला हंसदा, फूलचंद तिर्की, बलकू उरांव, धुनकू मुंडा, नारायण गजवे, संजय तिर्की, अभय भूटकुंवर समेत अन्य लोग शामिल हुए.