रांची : झारखंड हाई कोर्ट में देवघर एम्स में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका की सुनवाई बुधवार को हुई. मामले में कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य के मुख्य सचिव एवं देवघर एम्स के डायरेक्टर कोर्ट के समक्ष वर्चुअल रूप से उपस्थित हुए.
कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया
मुख्य सचिव ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि जल्द ही देवघर एम्स में सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी. कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. पूर्व की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से कहा गया था कि देवघर एम्स में सुविधा मामले में पथ निर्माण विभाग, बिजली विभाग, फायर विभाग सहित अन्य विभागों ने अलग-अलग जवाब दाखिल किया है लेकिन इन जवाबों में एम्स द्वारा उठाए गए बिंदुओं का सटीक जवाब नहीं मिल रहा है. सरकार के सक्षम अधिकारियों द्वारा देवघर एम्स को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए समस्याओं पर स्पष्ट जवाब आना चाहिए था.
एम्स की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की
दरअसल, राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग ने मामले में शपथ पत्र दाखिल किया है. इसमें बताया गया है कि देवघर एम्स ने गेट का स्थान नहीं बताया है. इस कारण वहां के लिए अप्रोच रोड नहीं बन पा रहा है. याचिकाकर्ता ने देवघर एम्स में इलेक्ट्रिक सबस्टेशन बनने, अप्रोचिंग रोड बनने, फ्लाईओवर बनने, आवश्यकतानुसार पानी की व्यवस्था होने, फायर सेफ्टी की पर्याप्त व्यवस्था आदि की सुविधा मुहैया कराने का आग्रह राज्य सरकार से किया गया है. एम्स की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की.