रांची : झारखण्ड में पुनः कृषि शुल्क विधेयक को प्रभावी करने के निर्णय पर पुनर्विचार हेतु झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा नियमित रूप से वार्ताओं का दौर जारी है. इसी क्रम में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पाण्डे और रांची महानगर के अध्यक्ष कुमार राजा के साथ बैठक संपन्न हुई.
विधेयक की बारीकियों से अवगत कराया
चैंबर प्रतिनिधिमण्डल ने इस विधेयक से होनेवाली कठिनाईयों पर चिंता जताते हुए इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया. मुलाकात के क्रम में इस विधेयक की बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा गया कि झारखण्ड में कृषि उपज पर कृषि शुल्क देय किये जाने से राज्य में कृषि उपज के उत्पादन, इसके विपणन, संबंधित प्रसंस्करण उद्योग एवं व्यापार में भारी कमी आयेगी.
किसानों को उत्पाद की कम कीमत प्राप्त होगी
जिससे किसानों के उपज की स्थानीय मांग के घटने से उन्हें अपने उत्पाद की कम कीमत प्राप्त होगी. वहीं सरकार को कृषि शुल्क से प्राप्त राशि से कहीं अधिक नुकसान जीएसटी से प्राप्त होनेवाले राशि (राजस्व) में कमी के रूप में होगी.
कांग्रेस नेताओं ने सहयोग के लिए आश्वस्त किया
प्रतिनिधिमण्डल के आग्रह पर कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पाण्डे और रांची महानगर के अध्यक्ष कुमार राजा ने इस मामले में आवश्यक सहयोग के लिए आश्वस्त किया. यह भी कहा कि जनहित से जुड़े मामले पर सरकार गंभीर है.
प्रतिनिधिमण्डल में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, प्रवक्ता ज्योति कुमारी, पूर्व अध्यक्ष मनोज नरेडी, ललित केडिया, केके साबू, रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे.