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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो हजार पंचायत सरकार भवनों का किया शिलान्यास

बिहार

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पंचायती राज विभाग द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास-शुभारंभ किया. इसके तहत मुख्यमंत्री ने 4,171 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 2,000 पंचायत सरकार भवनों का शिलान्यास किया. साथ ही ऑनलाइन के माध्यम से 366 नवनियुक्त अंकेक्षकों के बीच नियुक्ति-पत्र का भी वितरण किया. इसके अलावा ई- पंचायत पोर्टल और मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के अंतर्गत 9500 अनुरक्षकों का प्लंबिंग प्रशिक्षण की भी शुरुआत की.

कहा – पंचायत सरकार भवन का नामकरण हमने किया

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज विभाग के मंत्री और मुख्य सचिव ने सभी बातों की विस्तृत जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि पंचायत सरकार भवन का नामकरण हमने किया है. पंचायत को ये इज्जत और प्रतिष्ठा देने के लिए नामकरण किया. 1517 पंचायत सरकार भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है और 857 पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य चल रहा है.

बचे हुए 3683 पंचायत सरकार भवन के लिए स्थल का चयन कर लें

सीएम ने कहा कि विश्व बैंक को पता चला कि हमलोग पंचायत सरकार भवन का निर्माण करा रहे हैं, तो उन लोगों ने कहा कि 330 पंचायत सरकार भवन के निर्माण में हम सहायता देंगे. आज 2000 पंचायत सरकार भवन का शिलान्यास किया गया है. बाकी जो बचे हुए 3683 पंचायत सरकार भवन हैं उनके लिए जल्द-से-जल्द एक महीने के अंदर स्थल का चयन कर लें और इसी वर्ष उनका भी निर्माण कार्य शुरू कराएं और वर्ष 2024 तक इसका निर्माण कार्य पूर्ण करें. इस काम को तेजी से पूर्ण करेंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी. सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा.

किसी के चक्कर में मत पड़िए, मन लगाकर काम करते रहिए मुख्यमंत्री ने कहा कि जितना ज्यादा हमलोगों ने पंचायत के लिए काम किया है, उतना देश में कहीं नहीं हुआ है. पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि आजकल कुछ-कुछ मांग कर रहे हैं, किसी के चक्कर में मत पड़िए, मन लगाकर काम करते रहिए. हम आपकी सुविधाओं के लिए जो भी संभव होगा करते रहेंगे. हमलोग जो यहां काम कर रहे हैं सबको दिख रहा है. केंद्र कोई काम नहीं कर रहा है, वे लोग सिर्फ मीडिया में बने रहते हैं. बिहार में पार्टी के आधार पर पंचायत चुनाव नहीं होता है जबकि अन्य राज्यों में पार्टी के आधार पर चुनाव होता है. केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को मिलनेवाला उसके हिस्से का 41 प्रतिशत शेयर नहीं मिल पाता है.

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