रांची : राज्य के कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) ने शनिवार को पशु मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आनलाइन उद्घाटन किया. अपने संबोधन में मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों, पशुपालकों के लिए संवेदनशील है. गो पालन के बाद उसकी मृत्यु हो जाने पर अब गो मुक्तिधाम का लाभ लिया जा सकेगा. गाय के प्रति जो आस्था है, उसका मान रख सकेंगे.
सभी प्रमंडलों में पशु एंबुलेंस देने की तैयारी
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख (Badal Patralekh) ने कहा कि फिलहाल पांचों प्रमंडल में एक-एक गो मुक्तिधाम खोले गए हैं. आने वाले वित्तीय वर्ष में सभी जिलों में इसे स्थापित किया जाएगा. बादल ने कहा कि सभी प्रमंडलों में भी पशु एंबुलेंस का लाभ दिए जाने की तैयारी है. अभी 42 हजार दुग्ध उत्पादक विभाग से जुड़े हैं. आने वाले दिनों में एक लाख दुग्ध उत्पादकों को जोड़े जाने का लक्ष्य है. मौके पर 51 कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं और 30 पशुपालकों को प्रशस्ति पत्र भी दिए गए.
विभागीय सचिव ने की अपील- अपने मवेशियों का टीकाकरण कराएँ
विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने पशुपालकों से अपील करते कहा कि हर हाल में अपने मवेशियों की सेहत, टीकाकरण का ध्यान रखें. बीमारी से पहले ही समय समय पर टीकाकरण कराने से लाभ होगा. ऐसा नहीं करने पर फिर से गरीबी में जाने का खतरा रहता है. उन्होंने कहा कि कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में अभी और बेहतर प्रदर्शन की जरूरत है.
मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा- किसान और पशुपालक अलग- अलग नहीं
सहकारिता विभाग के मृत्युंजय वर्णवाल ने कहा कि किसान और पशुपालक अलग- अलग नहीं हैं. लैंप्स और पैक्स हर पंचायत में है. 14.50 लाख किसान अभी इससे रजिस्टर्ड हैं. सीएम फसल राहत योजना के लिए भी 30 लाख किसान पंजीबद्ध हो चुके हैं. विभाग की जो भी स्कीम है, छोटे छोटे एस एम एस बनाकर किसानों को दिया जाना चाहिए. विभागीय वेबसाइट www.animalhsubandry.jharkhand.gov.in से अब विभागीय योजनाओं की जानकारी और उसका लाभ लेने के तरीकों को जान सकेंगे. 100 मॉडल अस्पतालों का लाभ पशुपालकों को मिलेगा.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा, विशेष सचिव प्रदीप हजारे, मत्स्य निदेशक एच एन द्विवेदी, कोआपरेटिव बैंक के सीईओ मनोज कुमार सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी भी मौजूद थे.