रांची : श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के पर्युषण महापर्व दिगम्बर जैन भवन, हरमू में चल रहा है. तेरापंथ धर्म संघ के एकादशम आचार्य श्री महाश्रमण जी के द्वारा भेजे गए उपासकद्वय स्वाध्यायी श्रीमान धर्मचंदजी बाफना एवं मोहनलालजी सामसुखा ने धर्मानुरागी भाइयों एवं बहनों संबोधित किया. आज आठवें दिन संवत्सरी दिवस की आराधना करते हुए उपासक मोहन लाल सामसुखा ने भगवान महावीर के साधना काल, उपदेश व सिद्धान्तों पर प्रकाश डाला.
संवत्सरी पर्व विभाव से स्वभाव में रमण करने का पर्व
उपासक धर्म चंद बाफना ने कहा संवत्सरी पर्व लोकोत्तर पर्व है यह शाश्वत व त्रैकालिक पर्व है इसे पर्वाधिराज भी कहते हैं.इसका संबंध न किसी तीर्थंकर के जन्म या निर्वाण से है तथा न किसी घटना विशेष से है, इसका संबंध है मानव संस्कृति से. इसका घोष है ‘त्याग’ जिसका स्वर है स्वभाव में रमण. उपवास, जप, तप, सामायिक, पौषध आदि धार्मिक क्रियाओं से इस दिन की आरधना की जाती है. आज के दिन व्याख्यान में श्रमण भगवान महावीर को प्रेरक जीवन प्रसंग, प्रभावक आचार्यों के ज्वलंत इतिहास की झलकियों का दिग-दर्शन कराया जाता है. जो जन जन के मानस में उत्साह भरने वाला है. संक्षेप में संवत्सरी पर्व विभाव से स्वभाव में रमण करने का पर्व है. आत्मा को शुद्ध करने का पर्व है, इसे त्याग और तपस्या से मनाते हैं.
कल सुबह 10 बजे से क्षमायाचना का कार्यक्रम
प्रवचन के बाद रेणु पारख ने कायोत्सर्ग व प्रेक्षाध्यान के बारे में जानकारी दी, आज शाम में सामुहिक प्रतिक्रमण है. तपस्या के भाव जोर शोर से घर घर मे चल रहा है. आज के दिन लगभग समाज के सभी लोगों के उपवास था, कल सुबह 10 बजे से क्षमायाचना का कार्यक्रम है, साथ ही श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के द्वारा उपासकों तथा तपस्या करने वालो का बहुमान भी किया जाएगा, साथ ही महिला बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जायेंगे.
मौके पर ये मुख्य रूप से उपस्थित थे
सभा के अध्यक्ष अमर चंद बैंगानी मंत्री विनोद बेगवानी ने सकल समाज को कल क्षमायाचना कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अनुरोध किया है. आज मुख्य रूप से छोटे लाल चोरड़िया, घेवर चंद नाहटा, माणिक बोथरा, विमल दस्सानी, मोहन लाल नाहटा, धर्मेंद्र बोहरा, राजेश पींचा, सुमित बेंगानी, ललित सेठिया आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.