रांची : अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद झारखण्ड प्रदेश का शिष्टमंडल महामहिम राज्यपाल से मिलकर आज साल भर से चौबीसों जिला से प्राप्त हजारों मैथिल के सामूहिक हस्ताक्षर के साथ एक ज्ञापन सौपा. वार्ता के क्रम में कहा गया कि मैथिली अष्टम अनुसूची के साथ झारखण्ड राज्य का द्वितीय राज्यभाषा भी है फिर भी नियोजन नीति में इसे शामिल नहीं किया है.
महामहिम को बतायी समस्या, मिला आश्वासन
इस भाषा को बोलने बालों की संख्या सैकड़ो बरसों से यहाँ लाखों की संख्या में हैं. महामहिम ने गम्भीरता से सुनते हुए कहा कि मैं आपकी समस्या को समझकर इस पर पहल करेंगे. शिष्टमण्डल ने मिथिला के पारंपरिक प्रतीक पाग, दोपट्टा एवं पुष्पगुच्छ देकर महामहिम को सम्मानित किया. मिथिला के बारे में उन्होंने जानकारी ली.
नियोजन नीति में मैथिली को शामिल नहीं करने पर हस्ताक्षर अभियान
ज्ञातब्य हो कि नियोजन नीति में मैथिली को क्षेत्रीय भाषा के रूप में शामिल न करने के कारण सम्पूर्ण राज्य में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया था, जिसे आज महामहिम को समर्पित कर आंदोलन का प्रथम चरण पूर्ण किया गया.
परिषद ने प्रमंडल /जिला संयोजकों का जताया आभार
परिषद की ओर से इस कार्य मे लगे सभी प्रमंडल /जिला संयोजको आभार जताते हुए आग्रह किया कि अपनी हक की लड़ाई में आप भविष्य में भी साथ देते रहें. आज के शिष्ट मंडल में परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अमरनाथ झा, महासचिव अजय झा, प्रदेश सचिव पंकज झा एवं कार्य समिति के सदस्य यूके दास तथा किशोर झा मानवीय थे.