रांचीरामगढ

दिशोम गुरु शिबू सोरेन की स्मृति में नौवें दिन का श्राद्ध कर्म संपन्न

Ranchi : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के महान नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के नौवें दिन, बुधवार को उनके पैतृक गांव नेमरा में पारंपरिक श्राद्ध कर्म का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने परिजनों के साथ मिलकर स्थानीय रीति-रिवाजों और आदिवासी परंपराओं के अनुसार दिवंगत आत्मा की शांति के लिए विधिवत पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान किए।

श्राद्ध कर्म की शुरुआत सुबह से ही मंत्रोच्चारण और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन के साथ हुई। गांव के बुजुर्ग, पुरोहित और समुदाय के लोग पूरे विधि-विधान से अनुष्ठान में शामिल हुए। इस मौके पर आदिवासी संस्कृति और परंपरा के अनुरूप सामूहिक भोज (भोज भात) का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों ग्रामीणों, समर्थकों और शुभचिंतकों ने हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि दिशोम गुरु का जीवन संघर्ष, त्याग और सेवा का प्रतीक था। उन्होंने न केवल झारखंड राज्य के निर्माण के लिए लंबा संघर्ष किया, बल्कि आदिवासी समाज की अस्मिता और अधिकारों की रक्षा के लिए जीवन भर काम किया। उन्होंने इसे अपने परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

श्राद्ध कर्म में राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों के कई प्रमुख लोग भी पहुंचे। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता, विभिन्न दलों के प्रतिनिधि, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने दिशोम गुरु के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर गांव के वातावरण में गम और श्रद्धा का माहौल रहा। लोग अपने प्रिय नेता से जुड़े संस्मरण साझा करते हुए भावुक हो उठे। श्रद्धांजलि सभा में यह संदेश भी दिया गया कि दिशोम गुरु के विचार, संघर्ष और आदर्श हमेशा लोगों के मार्गदर्शन करते रहेंगे।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक स्वर में दिवंगत आत्मा की शांति और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया।

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