पर्युषण पर्व की आराधना कर्मों की निर्जरा एवं व्यक्तित्व निर्माण से : गौतम  रांका

यूटिलिटी

रांची : श्री श्वेताम्बर जैन मंदिर डोरंडा मे मूर्तिपूजक संघ के आज पर्युषण पर्व अपनी अंतिम दिन के पूर्णता पर है. मंदिर में नमिनाथ जिनालय में सुबह भगवान का अभिषेक व स्नात्र पुजा हुई, सात दिनो से कल्पसूत्र का वांचन हो रहा था, उसका आज प्राकृतभाषा में मुलसूत्र का वांचन हुआ. शाम में सभी श्रावक एवं श्राविकाओं ने सामुहिक प्रतिक्रमण किया प्रतिक्रमण के बाद सभी साध्वी भगवंतों ने संकुल संघ से क्षमायाचना की, सकल संघ ने भी गुरु भगवंतों से क्षमा मांगी एवं एक दूसरे से क्षमा मांगी.क्षमा इस प्रकार मांगी जाती है “12 मास, 24 पक्ष, 365 दिन में किसी भी प्रकार से मैंने आपको दुःख पहुंचाया हो तो मन, वचन, काया से आप मुझे अपने उदार ह्र्दय से क्षमा प्रदान करें. ” सुरेश बोथरा व श्रुति सेठिया के आज आठ उपवास था. किसी के आज बीस उपवास, किसी के आठ उपवास, तीन एवं दो उपवास एवं आज प्रायः सभी श्रद्धालुओं का उपवास था. रात्रि में 16 सतियों के जीवन का वांचन एवं मंचन हुआ.

दिगम्बर जैन भवन में पर्वाधिराज पर्युषण के आज छठे दिन श्री साधु मार्गी जैन संघ के कार्यक्रम में स्वाध्यायी बंधु गौतम जी रांका और सुरेश बोरडिया ने बताया कि पर्युषण पर्व की आराधना स्वाध्याय, संस्कार, वातावरण एवं समय नियोजन से की जा सकता है. “पढमं नाणं तओ दआ” अर्थात पहले ज्ञान फिर आचरण ज्ञान. आत्मशुद्धि,ज्ञान एवं प्रज्ञा की निर्मलता, आत्मा की सरलता स्वाध्याय से की जा सकती है. संस्कार से व्यक्तित्व कनिर्माण होता है, संस्कार मनुष्य के जीवन की नींव है. बाल संस्कार, युवा संस्कार, परिवार संस्कार से सशक्त राष्ट्र निर्माणहो सकता है. वातावरण अर्थात समाज एवं सरकार का दायित्व है कि ऐसे वातावरण का निर्माण करें जिससे चारों ओर शांति व स्मृद्धि की गूंज हो. समय नियोजन अर्थात जिस तरह से विद्यार्थी, खिलाड़ी, प्रशिक्षक समय का नियोजन करते है उसी तरह आध्यात्मिक चेतना के लिए एवं आत्म शांति के लिए समय का नियोजन करना चाहिए.


साधुमार्गी जैन संघ के झारखंड प्रभारी उत्तम चोरड़िया ने बताया कि आज छोटे लाल चोरड़िया, विशाल दस्सानी एवं धर्मेंद्र बोहरा के आज सात उपवास है. घेवरचंद नाहटा ने अपने उद्गार व्यक्त किये, रूबी भाटिया ने प्रेक्षा ध्यान के बारे मे बताया एवं महिला मंडल, समता मंडल द्वारा तपस्या के उपलक्ष्य में गीत पेश किए गए.

दिग्म्बर जैन भवन में कल पर्युषण के अंतिम दिवस में सुबह 8 बजे से प्रवचन तत्पश्चात बच्चों, महिलाओं का सांस्कृतिक कार्यक्रम, शाम को प्रतिक्रमण है, उसके बाद सभी एक दूसरे से क्षमा याचना करेंगे। जैन मंदिर डोरंडा में प्रवचन सुबह 8:30 बजे से यथावत रहेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *