दिशुम गुरु शिबू सोरेन के सम्मान में सादगी से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस
रांची, 9 अगस्त । विश्व आदिवासी दिवस 2025 इस वर्ष झारखंड में सादगी के साथ मनाया गया। केन्द्रीय सरना समिति ने इसे दिशुम गुरु शिबू सोरेन के सम्मान और श्रद्धांजलि स्वरूप संकल्प दिवस के रूप में आयोजित किया। समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों का सपना अभी अधूरा है। सीएनटी और एसपीटी एक्ट होने के बावजूद आदिवासियों की भूमि पर कब्जा और खनिज संपदा के दोहन की समस्या जारी है, वहीं पारंपरिक धार्मिक व्यवस्था खतरे में है।
151 मिट्टी के दीप जलाकर शहीदों को नमन
कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार सुबह भगवान बिरसा मुंडा समाधि स्थल, कोकर में की गई, जहाँ 151 मिट्टी के दीप जलाए गए और प्रतिमा पर माल्यार्पण कर झारखंड के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
गुरुजी के सम्मान में संकल्प दिवस
बबलू मुंडा ने बताया कि हर वर्ष यह दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष गुरुजी (शिबू सोरेन) के निधन के कारण इसे संकल्प दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
जल-जंगल-जमीन की रक्षा का आह्वान
मुख्य पहान जगलाल पहान ने आदिवासी समुदाय से जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया। उन्होंने वीर शहीदों के पदचिह्नों पर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में शामिल प्रमुख लोग
इस अवसर पर बबलू मुंडा, मुख्य पहान जगलाल पहान, महादेव टोप्पो, झारखंड आंदोलनकारी कुमोद कुमार वर्मा, सुरेन्द्र लिंडा, संजय नायक, मुकेश मुंडा, आशीष मुंडा, विशाल मुंडा, संतोष मुंडा, महादेव मुंडा, राकेश मुंडा, मानिष मुंडा, सोनू मुंडा, अंजन मुंडा, रिसव मुंडा, अनुकल मुंडा, युवराज मुंडा, नरेश मुंडा, शम्भू टोप्पो, माईकल टोप्पो सहित बड़ी संख्या में समुदाय के लोग मौजूद रहे।
