भारत- अमेरिकी रिश्तों में मजबूती अब साफ दिखाई देने लगी है. मुंबई हमले के आरोपित तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण मामले में भी यह मजबूती नजर आई है. अमेरिकी सरकार राणा को जल्द भारत भेजना चाहती है और इसके लिए सरकार की ओर से एक अमेरिकी अदालत में याचिका भी दायर की गयी है.
आरोपी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी थी
भारत में 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका की एक अदालत ने इसी वर्ष मई में भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी थी. इसके बाद राणा ने अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कैलिफोर्निया की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी.
राणा ने दावा किया- प्रत्यर्पण संधि की दो धाराओं का उल्लंघन
याचिका में राणा ने दावा किया कि उसके भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश भारत- अमेरिका के बीच की प्रत्यर्पण संधि की दो धाराओं का उल्लंघन है. अब अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का विरोध किया है. साथ ही बाइडन सरकार ने अमेरिका कोर्ट में अर्जी देकर तहव्वुर राणा को जल्द भारत प्रत्यर्पित करने की अपील की है.
याचिका में कहा गया- अदालत बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दे
अमेरिका के अटॉर्नी ई मार्टिन एस्ट्राडा ने बाइडन सरकार की तरफ से कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में कहा गया है कि अमेरिका सम्मानपूर्वक विनती करता है कि अदालत तहव्वुर राणा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दे. अमेरिकी अटॉर्नी ने कहा कि याचिकाकर्ता यह साबित करने में विफल रहा है कि भारत की प्रत्यर्पण की अपील में पर्याप्त सबूतों का अभाव है.