चुनौतियों से लड़ेंगे, तभी आगे बढ़ पाएंगे: पूर्णिमा महतो

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रांची : महिला पुलिस सम्मेलन के दूसरे दिन शनिवार को अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज और कोच पूर्णिमा महतो ने सभी महिला पुलिस कर्मियों से कहा कि वे जीवन में आने वाली चुनौतियों से घबरायें नहीं. खेल के क्षेत्र में भी बहुत सारी चुनौतियां हैं. चुनौतियों से लड़ेंगे, तभी आगे बढ़ पाएंगे. तभी देश के लिए मेडल ला पाएंगे, जिससे देश का और झारखंड का नाम रोशन होगा.

उन्होंने कहा कि बच्चों को छोटी उम्र से ही प्रेक्टिस करना शुरू कर देना चाहिए. झारखंड पुलिस से बहुत कम बच्चे खेल में जा रहे हैं. हमें उन्हें प्रोत्साहित करना है.

महतो स्पोर्ट्स में महिलाओं की चुनौतियां एवं समाधान पर बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि उनका बहुत कम उम्र में ही खेलों के प्रति रुझान था. इसलिए वह इस क्षेत्र में आगे बढ़ती गईं. उन्हें द्रोणाचार्य अवार्ड, पद्म श्री अवार्ड से भी नवाज़ा गया. उन्होंने स्पोर्ट्स कोटा से आई महिला पुलिस कर्मियों से कहा कि वे ड्यूटी के साथ स्पोर्ट्स में भी अपनी भूमिका बनाएं, ताकि स्पोर्ट्स के जरिए देश और झारखंड का नाम भी रौशन हो. पूर्णिमा महतो से प्रतिभागियों ने सवाल भी पूछे तथा उनसे सुझाव लिये. प्रतिभागियों ने कहा कि खेल कोटा से आए पुलिस कर्मियों के लिए स्पोर्ट्स सेल का गठन हो ताकि खेल को बढ़ावा मिल सके.

दूसरी ओर, पंचायत जनप्रतिनिधि और पुलिस विषय पर परिचर्चा करते हुए गुमला के दूधिया, भरणो ग्राम पंचायत की मुखिया रश्मि लकड़ा ने पंचायत प्रतिनिधि की भूमिका के बारे में कहा कि हम जनप्रतिनिधि का उद्देश्य है कि सरकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद व्यक्ति तक जरूर पहुंचे. जनप्रतिनिधि स्थानीय लोगों के साथ नियमित संपर्क में रहते हैं और उनकी समस्याओं और जरूरतों को समझते हैं.

उन्होंने कहा कि पंचायत जनप्रतिनिधि और पुलिस के बीच आपसी सहयोग से अपराध के घटनाओं में कमी लाई जा सकती है. पंचायत प्रतिनिधि स्थानीय स्तर पर हो रहे अपराधों की सूचना दे सकते हैं ताकि पुलिस अपनी कार्रवाई कर सके. पंचायत प्रतिनिधि गांव में होने वाली बैठक में पुलिस की भूमिका को सुनिश्चित कर सकते हैं. इससे गांव के लोग पुलिस के सामने बेझिझक अपनी बात रखें. जनप्रतिनिधि के सहयोग से पुलिस नशा मुक्ति, डायन बिसाही, बाल विवाह और बालश्रम जैसी कुप्रथायों पर भी रोक लगा सकते हैं.

पलामू की नवाडीह प्रखण्ड की ज्योति सोरेन ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के कारण ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं का लाभ मिलने लगा है. उन्होंने खुद पहल करते हुए ग्रामीणों के लिए पेंशन की सुविधा, राशनकार्ड, पशुधन विकास योजना तालाब निर्माण योजना जैसे सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाया.

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