पलामू : जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के डबरा और तरहसी थाना क्षेत्र के कसमार पुलिस पिकेट हटाए जाने के विरोध में ग्रामीणों ने सोमवार को पिकेट के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया.
ग्रामीणों के साथ उप प्रमुख कुसुम देवी, डबरा की मुखिया मंजू देवी, नंदू रवि, नंदू यादव, वीरेंद्र उरांव, विनोद यादव, बिगन यादव, बाबूलाल गुप्ता, दिनेश यादव, अखिलेश भुईया, निशा देवी, बासमती देवी, अनीता देवी के अलावा कई लोगों ने एक स्वर में कहा कि डबरा का यह क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. यहां से पुलिस पिकेट हटाने के बाद नक्सली फिर से हमला कर सकते हैं. नक्सलियों के टारगेट पर यह गांव हमेशा रहा है. वर्ष 1988 के बाद 1990 तथा 28 नवंबर, 1997 को नक्सलियों ने रातभर मुठभेड़ की थी. इस दौरान नक्सलियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. यहां पर 1989 में पुलिस बल तैनात की गई तथा 3 दिसंबर, 1990 को पिकेट बनाया गया था.
जयप्रकाश सिंह ने कहा कि डीजीपी से लेकर गृह मंत्रालय तथा तमाम पुलिस विभाग के अधिकारियों को चिट्ठी लिखी गई है. यह आश्वासन मिला था कि यहां से पुलिस पिकेट नहीं हटाया जाएगा. पवन सिंह ने कहा कि यहां के तमाम लोग नक्सलियों के निशाने पर है. यदि यहां से पिकेट को हटा दिया जाएगा तब यहां पर नक्सली गतिविधियों का बोलबोला हो जाएगा. 34 साल से पुलिस पिकेट कार्य कर रहा है. लोग सुख चैन की नींद सोते है. यदि पुलिस पिकेट को हटाया गया तो नींद नहीं हराम हो जाएगी. यदि हमारी बात नहीं सुनी गई तो पुलिस गाड़ी के आगे लेट जाएंगे. उनके ऊपर से गाड़ी को चढ़ाकर पार करना होगा.
पांकी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी कुशवाहा विनोद सिंहा ने कहा है कि डबरा औऱ कसमार ग्राम की समस्या से अवगत हुआ हूं. पुलिस पिकेट हटाने से यहां के लोग चिंतित है. एसपी से बात की गई है. उन्होंने डीजीपी कार्यालय का आदेश होने की बात कही है.