चिटफड कंपनी के शिकार लोगों को अब भी पैसा वापस मिलने का इंतजार

राँची

200 से अधिक लोगों से कंपनी ने ठगे हैं 7.88 करोड               

रांची : झारखंड का जामताड़ा और पाकुड़ जिला साइबर अपराध के लिए कुख्यात है. इन जिलों से हर दिन किसी न किसी को चपत  लगाने की खबरें आती रहती हैं. इसी कड़ी में एक चिटफंड कंपनी का नाम सामने आया हैं. कंपनी के संचालकों ने झारखंड के डाल्टनगंज जिले के करीब 200 लोगों से करीब आठ करोड़ की ठगी की है. ठगी के शिकार हुए लोगों को अब भी अपने गाढ़े कमाई के पैसे वापस मिलने का इंतजार है. 

2013 से शुरू हुआ ठगने का अभियान,  200 से अधिक लोग बने शिकार

मामला पांच साल पहले की है. 2013 में रामगढ जिले के बडकागांव निवासी सुरजित पासवान डालटनगंज में एक कार्यालय खोलता है.  कार्यालय में इंफ्रा वेब टेडिंग प्राईवेट कंपनी जिले में इंफ्रा वेब ट्रेडिंग का बोर्ड लगाता है और लोगों को ठगने का अभियान शुरू करता है. जमा राशि का 10 फीसदी ब्याज देने का  लालच देता है. उसका यह अभियान 2018 तक चलता है. इस अवधि में वह 200 से अधिक लोगों से 7.88 करोड से अधिक राशि वसूल लेता है.

ठगी के शिकार लोगों ने 2018 में दर्ज करायी थी प्राथमिकी

लोगों को ठगे जाने का पता तब चलता है जब ठग के आश्वासन के अनुसार उन्हें पैसा वापस नहीं मिलता. ठगी के शिकार हुए वेद प्रकाश अग्रवाल, क्लेमेंट खलखो, बलराम महतो और राधेश्याम मंडल ने जुलाई 2018 में डालटनगंज के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अदालत में सुरजित पासवान, रंधीर लाल पासवान, सुधीर लाल पासवान, कंवन कुमारी उर्फ मुन्नी कुमारी, और विजय राम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हैं. विजय राम के पिता मुनेश्वर राम और बाकी चारों के पिता का नाम विजय राम पासवान है.

ठगी का मास्टरमाइंड जेल भी गया, बाहर भी आया, पर लोगों के पैसे नहीं मिले

एक साल बाद जुलाई 2019 में स्थानीय थाना में आरोपियों के खिलाफ भादवि 1860 की धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 406 के तहत एफआईआर दर्ज होता है. इसके बाद ही ठगी का मास्टरमाइंड सुरजित पासवन पुलिस की पकड में आता है. उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है और वह करीब तीन साल तक जेल में ही रहता है. ठग गिरफ्तार हो गया और जेल से भी बाहर आ गया, लेकिन ठगी के शिकार लोगों को उनका पैसा नहीं मिला. 

चिटफंड कंपनी ठगी के शिकार लोगों को तब पैसा वापस मिलने की उम्मीद जगी जब 9 मई 2023 को  चिटफंड मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने चिटफंड घोटाले में सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी. पूछा कि चिटफंट घोटाले में शामिल कंपनियों की कितनी संपत्ति अटैच की गयी.

हाईकोर्ट ने क्या कहा

9 मई 2023 को झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मंगलवार को चिटफंड घोटाला में निवेशकों के डूबी राशि के मामले में सीबीआई को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि चिटफंड घोटाले में शामिल कंपनियों की कितनी प्रॉपर्टी अटैच की गई, भुक्तभोगी लोगों को उनका पैसा वापसी के लिए क्या रास्ता हो सकता है.

राज्य सरकार ने शपथ पत्र में बताया- अथॉरिटी निवारण करेगी

कोर्ट ने  चिटफंड घोटाला में पैसे की वापसी को लेकर नन बैंकिंग अभिरक्षा निवेशक सुरक्षा समिति सहित अन्य दायर याचिकाओं की सुनवाई की. इससे पहले मामले में राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया कि सरकार ने झारखंड के जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (वित्तीय स्थापनाओं में अधिनियम 2011 बनाया है. इसके हिसाब से चिटफंड से प्रभावित लोगों को संबंधित अथॉरिटी के पास आवेदन देना होगा. यह अथॉरिटी प्रभावित लोगों की शिकायत का निवारण करेगी.

कोर्ट सरकार के जवाब से असंतुष्ट, अगली सुनवाई सात जुलाई को

कोर्ट ने सरकार की इस जवाब पर असंतुष्टि जताते हुए कहा कि यह एक व्यक्ति के पैसे वापसी की बात नहीं हो रही है, बल्कि चिटफंड घोटाले से प्रभावित सैकड़ों लोगों के पैसे की वापसी की बात है. ऐसे में पश्चिम बंगाल और उड़ीसा की तर्ज पर एक कमीशन बनाकर कार्पस फंड बनाना होगा. इस फंड के लिए सरकार को पैसा मुहैया कराना होगा, जिससे चिटफंड के प्रभावित लोगों को पैसा वापसी का रास्ता बन सके. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सात जुलाई निर्धारित की है.

   

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