रांची : विश्व हिंदू परिषद के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की. इस दौरान गढवा बाईपास (राष्ट्रीय राजमार्ग-75) अन्तर्गत अचला नावाडीह स्थित सरकारी गैरमजरुआ भूमि खाता संख्या 114, प्लॉट संख्या 139, रकबा 0.69 एकड़ अवैध अतिक्रमित भूमि पर स्थित कब्रिस्तान के ऊपर से निविदा-प्रपत्र की शर्तों से अलग बनने वाले प्रस्तावित फ्लाईओवर को असंवैधानिक बताया. साथ ही निर्माण पर अनावश्यक रूप से जनता की गाढ़ी कमाई व सरकार के खजाने से करोड़ों रुपये लुटाने से झारखंड को बचाने का आग्रह किया.
प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे प्रांत मंत्री डॉ बिरेन्द्र साहू ने राज्यपाल से कहा कि सड़क निर्माण के निमित्त 6 मार्च, 2019 को गढ़वा अंचल अधिकारी ने इस भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था. इसके बाद सरकारी जमीन को उपायुक्त ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को नियमानुसार मुफ्त हस्तांतरित कर दिया. इस आलोक में मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा उच्च न्यायालय झारखंड में वाद दायर किया गया.
न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय के द्वारा सबूत नहीं उपलब्ध कराने के कारण दिसम्बर 2020 में वाद को निरस्त कर दिया. कार्य को पूर्ण करने के लिए फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव आया था परंतु 12 दिसंबर, 2022 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्यालय दिल्ली द्वारा इसे अस्वीकार कर दिये जाने पर 13 दिसंबर, 2022 को क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा उपायुक्त, गढ़वा को अतिक्रमित भूमि पर भौतिक कब्जा प्रदान करने का अनुरोध किया गया.
इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए 22 दिसंबर को उपायुक्त, गढ़वा के जिला गोपनीय शाखा के द्वारा भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश भी जारी किया था लेकिन सरकार के तुष्टिकरण नीति के तहत मुसलमानों को खुश करने के दबाव में इसे अतिक्रमण मुक्त नहीं किया गया. साथ ही 27 जून को अतिक्रमित कब्रिस्तान के ऊपर से फ्लाईओवर निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई.
डॉ बिरेंद्र साहू ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के मध्य किसी प्रकार का मंदिर अथवा हिंदू के धरोहर का स्थानांतरण स्थानीय लोगों के सहमति अथवा प्रशासन के दबाव से होता रहा है. इस मार्ग में भी पड़ने वाले मंदिरों को स्थानांतरित किया जा चुका है लेकिन गैरमजरुआ जमीन में अवैध रूप से बना कब्रिस्तान स्थानांतरित करने के बजाय हिंदू समाज की भावना को ठेस पहुंचाते हुए उसके ऊपर से फ्लाईओवर बनने का प्रस्ताव लाया गया है.
डॉ साहू ने राज्यपाल से आग्रह किया कि हिंदू समाज की भावनाओं को सम्मान देते हुए संवैधानिक तरीके से संविदा के अनुसार बाईपास निर्माण पूरा कराने के लिए सरकार व विभाग को उचित आदेश-निर्देश दें.झारखंड से राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग के द्वारा एक नया विकल्प बनाया जा रहा है कि मंदिर टूट सकता है लेकिन कब्रिस्तान को बचाने के लिए फ्लाईओवर बनाया जा सकता है, यह संविधान सम्मत नहीं है. प्रतिनिधिमंडल में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सहमंत्री मनोज पोद्दार व रंगनाथ महतो तथा रमेश कुमार मिश्रा भी शामिल थे.